हरिद्वार: समझौता एक्सप्रेस समेत कई बम धमाकों के आरोपी रहे स्वामी असीमानंद ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदू आतंकवाद की फर्जी कहानी गढ़ी थी। उन्हें और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सहित अन्य को गिरफ्तार कर यातनाएं दी गईं, लेकिन कोर्ट ने हमारे साथ इंसाफ किया तो कांग्रेस को भी जनता ने उसके कृत्यों की सजा दे दी। मालेगांव, हैदराबाद और समझौता एक्सप्रेस में बम विस्फोट के आरोप में सीबीआई ने 19 नवंबर 2010 को बहादराबाद स्थित एक मंदिर से स्वामी असीमानंद को गिरफ्तार किया था।
हाल ही में कोर्ट उन्हें आरोपों से बरी कर चुका है। शुक्रवार को करीब नौ साल बाद स्वामी असीमानंद उसी सिद्धेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे थे जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सोनिया गांधी के इशारे पर मुस्लिम और ईसाई वोट बैंक को खुश करने के लिए हिंदू आतंकवाद की फर्जी कहानी गढ़ी थी। ईसाई मिशनरी एक सुनियोजित तरीके से देश में धर्मांतरण का मिशन चला रही थी। हमने जनजाति समाज के लोगों को ऐसा करने से रोकने का अभियान शुरू किया और लगभग 40 हजार लोगों को वापस हिंदू धर्म में परिवर्तित कराया तो कांग्रेस पार्टी घबरा गई।
इसलिए कांग्रेस ने हमें निशाना बनाते हुए यह षड्यंत्र रचा। उन्होंने कहा कि इससे विश्व में हिंदुओं को बदनाम करते हुए मुस्लिम आतंकवाद से दुनिया का ध्यान हटाकर उन्हें सुरक्षित करना कांग्रेस का मकसद था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के झूठ की सजा जनता ने उसे दे दी है। प्रज्ञा ठाकुुर की जीत पर खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर ने कोई गुनाह ही नहीं किया था। उन्हें बेवजह प्रताड़ित किया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला सेवा प्रमुख वीर प्रताप, अनुज वालिया, रजनीश कुमार, चिरंजीव, अर्जुन चौहान आदि मौजूद रहे।