नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0′ के सभी लक्ष्यों को निर्धारित समय में हासिल करना जरूरी है क्योंकि स्वच्छता के बल पर स्वस्थ और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। कोविंद ने आज यहां विज्ञान भवन में स्वच्छ अमृत महोत्सव तथा स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किये जाने के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र को स्वच्छता के आधार पर ही स्वस्थ और समृद्ध बनाया जा सकता है इसलिए यह जरूरी है कि सभी को स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के लक्ष्यों को निर्धारित समय में हासिल करने के लिए हर संभव कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने उम्मीद जताई की सामान्य जनमानस में स्वच्छ भारत की भावना अपनी जगह बनायेगी और स्वच्छ, स्वस्थ एवं समृद्ध भारत 21 वीं सदी के विश्व समुदाय में गौरवपूर्ण स्थान हासिल करेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि वर्ष 2050 तक देश की शहरी आबादी 81 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है इसलिए शहरी स्वच्छता की विशाल चुनौतियों को ध्यान में रखकर भविष्य की तैयारी की जानी चाहिए। सभी देशवासियों का यह प्रयास होना चाहिए कि भारत की पहचान विश्व समुदाय में एक साफ-सुथरे देश के रूप में बने ।
इससे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कोविंद ने कहा कि स्वच्छता हमारे स्वभाव का हिस्सा है और त्योहारों के दौरान विशेष रूप से लोगों में सफाई के प्रति उत्साह दिखाई देता है लेकिन जरूरत इस बात की है कि यह उत्साह पूरे वर्ष बना रहे तो हमारे गांव और शहर स्वच्छता की मिसाल बन सकते हैं। राष्ट्रपति ने सिर पर मैला ढोने की प्रथा को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि इसको रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं बल्कि पूरे समाज और नागरिकों की भी है।
उन्होंने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय को सुझाव दिया की सभी शहरों में मशीन से सफाई की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। लगातार पांचवें वर्ष स्वच्छतम शहर का पुरस्कार जीतने पर इंदौर को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि यह सराहनीय है और इससे भी बड़ी बात यह है कि इंदौर ने अपने इस स्थान को निरंतर बनाए रखा है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों की अच्छी विशेषताओं को अधिक से अधिक जगहों पर प्रसारित किया जाना चाहिए जिससे अन्य शहरों को भी प्रेरणा मिले। समारोह में इंदौर को लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार दिया गया। गुजरात के सूरत शहर को दूसरा तथा आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा को तीसरा पुरस्कार दिया गया।
सर्वेक्षण में वाराणसी को गंगा के नजदीक सबसे स्वच्छ शहर जबकि छत्तीसगढ़ को देश का सबसे स्वच्छ राज्य होने का पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा अहमदाबाद छावनी को देश में सबसे स्वच्छ छावनी के पुरस्कार से नवाजा गया। इस मौके पर आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी तथा कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।