लखनऊ: यूपी में रिवरफ्रंट व अवैध खनन में जांच व पूछताछ के बीच अब स्मारक घोटाले का जिन्न बाहर निकल आया है। इसे लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने लखनऊ में सात जगहों पर छापेमारी की। शहर के हजरतगंज, गोमतीनगर, अलीगंज व शहीद पथ के आसपास ईडी सात स्थानों पर छापेमारी कर रही है। स्मारक घोटाला 2007 से 2011 के बीच का है तब प्रदेश में बसपा की सरकार थी। मामले में कई इंजीनियर, ठेकेदार और सरकारी अधिकारी ईडी के निशाने पर हैं। इसके पहले रिवरफ्रंट व अवैध खनन में घोटाले की जांच को लेकर छापेमारी की गई। अवैध खनन में कल बुधवार को आईएएस अफसर बी. चंद्रकला से पूछताछ की गई। ये दोनों मामले 2012 से 2017 के दौरान अखिलेश सरकार से जुड़े रहे हैं।
स्मारक घोटाले की लोकायुक्त जांच में करीब 1410 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। स्मारकों में लगे गुलाबी पत्थरों की सप्लाई कागजों पर राजस्थान से दिखाई गई थी। विजिलेंसने 1 जनवरी 2014 को गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। मामले में आईपीसी की धारा 120 बी और 409 के तहत केस दर्ज किया गया था। एफआईआर नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा समेत 19 के खिलाफ दर्ज की गई थी। स्मारक घोटाला 2007 से 2011 के बीच का है तब प्रदेश में बसपा की सरकार थी। मामले में कई इंजीनियर, ठेकेदार और सरकारी अधिकारी ईडी के निशाने पर हैं। इसके पहले रिवरफ्रंट व अवैध खनन में घोटाले की जांच को लेकर छापेमारी की गई। अवैध खनन में कल बुधवार को आईएएस अफसर बी. चंद्रकला से पूछताछ की गई।