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स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए दूध और शहद से अच्छा कोई नुस्खा नही

अगर आप स्पर्म काउंट कम होने से चिंतित है तो ये जान लें की केवल आप अकेले नही है। पिछले 40 सालों में अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड इन सब जगह पर ही स्पर्म काउंट की 50% घटोतरी दर्ज की गई।

अब सवाल ये उठता है कि स्पर्म की काउंट क्या होनी चाहिए,एक स्वस्थ शरीर में स्पर्म काउंट 40 से 300 लाख प्रति लीटर होनी चाहिए । 20 लाख से स्पर्म काउंट कम होने पर इसे कमजोर माना जाता है जो कि प्रजनन शक्ति में बाधाएं उत्पन्न करता है।

अगर स्पर्म काउंट 10 लाख से नीचे है तो आपको इलाज की जरुरत है। घरेलू उपायों और एक नियमित दिनचर्या से इसे सुधारा जा सकता है पर स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए दूध और शहद से अच्छा कोई नुस्खा नही है आईये जाने ये कैसे बेहतर है।

स्पर्म काउंट बढ़ाने का पुराना तरीका है

स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए दूध और शहद का नुस्खा पुराने समय से आजमाया जा रहा है। इन दोनों में भरपूर एन्टी ऑक्सीडेंट होता है जो कि आपके तनाव को दूर करता है,स्पर्म काउंट बढाता है और कमजोर प्रजनन अंगों को मजबूती देता है। दूध और शहद सेक्स लाइफ सुधारने में भी सहायक है। इन दोनों को साथ में लेने में कोई तरह का साइड इफ़ेक्ट नही है।

ये शरीर को आराम भी देता है जो आपकी दिन भर की थकान दूर कर देगा। आयुर्वेद के अनुसार शहद में वो औषधीय गुण है जो आपके प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है साथ ही साथ आपके सेक्स समय को भी ये बेहतर करता है। ये आपके वैवाहिक जीवन का आनंद और बेहतर कर देगा अगर इसे जमीनी अदरक या इलायची के साथ लिया जाये।

प्रजनन क्षमता अच्छी हो या कमजोर,दूध और शहद पारंपरिक तरीके से स्पर्म काउंट बढाने से काम मे लिया जाता रहा है। पशुओं के अध्ययन में पाया गया कि शहद पशुओं की स्पर्म काउंट उनकी गति एवं आकार बढाने में कारगर है।

शहद एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है जो कि टेस्टिक्यूलर डैमेज से आपको बचाता है जो कि मुख्य कारण है स्पर्म काउंट कम होने का। ये इसमें सुधार कर आपके स्पर्म काउंट को बढाने में सहयोगी है। ये आपके मानसिक तनाव को भी कम करता है।

शहद में जिंक एक मुख्य तत्व है जो कि प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है। स्पर्म में जिंक प्लाज्मा कम होने से स्पर्म काउंट में कमी, उनके आकार में कमी और कम गतिशील होंगे। जिंक प्लाज्मा की बढ़ोतरी में शहद बहुत लाभदायी है।

दूध को शहद के साथ लेना बहुत लाभदायी है पर दूध कम वसा या कम फैट का होना चाहिए। ज्यादा फैट वाला दूध स्पर्म काउंट में गिरावट करता है। एक कप कम वसा के दूध में विटामिन ए और डी करीब 500 IU होता है।

विटामिन बी12 स्पर्म की गुणवत्ता बढाने के साथ डीएनए नुकसान को भी कम करता है। प्रजनन अंग की सुरक्षा के साथ ये स्पर्म के ऑक्सीडेटिव नुकसान को भी कम करने में सहायक है। विटामिन बी12 सारे कम वसा वाले डेरी प्रॉडक्ट में पाया जाता है।

दूध में ट्रायटोफेन और एमिनो एसिड होता है जो कि नींद की क्वालिटी में सुधार कर अच्छी नींद देता है। अच्छी नींद तनाव को कम करती है जिससे शरीर आराम महसूस करता है व तनाव से होने वाले स्पर्म काउंट में कमी आती है। रात को सोने से आधा घन्टा पहले एक गिलास दूध का सेवन नियमित करना चाहिए।

शहद और दूध आपके शरीर में ग्लुकोज़ की मात्रा बढ़ा सकता है। इसके नियमित सेवन से आपके रक्त में शुगर की मात्रा बढ सकती है जो कि हानिकारक है। ऐसे में आप अपने स्पर्म काउंट बढाने के लिए अन्य विकल्प चुन सकते है।

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