डिमांड में यह गिरावट साल 2009 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट है
लखनऊ : स्थानीय बाजारों में अधिक कीमत तथा मौसमी कारणों से देश में सोने की मांग इस साल अप्रैल-जून के दौरान आठ प्रतिशत कम होकर 187.20 टन पर आ गई. विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. डब्ल्यूजीसी ने ‘गोल्ड डिमांड ट्रेंड’ रिपोर्ट में कहा कि पिछले साल की इस अवधि में यह मांग 202.6 टन रही थी. मूल्य के हिसाब से सोने की मांग पिछले साल के 52,750 करोड़ रुपये की तुलना में इस साल 52,692 करोड़ रुपए रही.
इस दौरान आभूषणों की मांग भी आठ प्रतिशत गिरकर 147.90 टन पर आ गई. पिछले साल इसी अवधि में यह 161 टन थी. सोने में निवेश की मांग भी पांच प्रतिशत गिरकर 39.3 टन रही जो पिछले साल 41.6 टन थी.
डब्ल्यूजीसी के भारत में प्रबंध निदेशक सोमासुंदरम पीआर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘भारत में सोने की मांग इस साल की दूसरी तिमाही में पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में आठ प्रतिशत कम रही है. पिछले साल की दूसरी तिमाही में माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से पहले उपभोक्ताओं द्वारा अग्रिम खरीद करने से मांग मजबूत रही थी.’इस दौरान सोने की वैश्विक मांग में भी गिरावट आई है और यह पिछले साल की दूसरी तिमाही के 1,007.50 टन से चार प्रतिशत कम होकर 964.30 टन पर आ गई. डिमांड में यह गिरावट साल 2009 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट है.