सनातन परंपरा में शिव की पूजा का बहुत महत्व है। भगवान शिव कल्याण के देवता हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि ‘शिवः अभिषेक प्रियः’ अर्थात् कल्याणकारी शिव को अभिषेक अत्यंत प्रिय है। सभी मनोकामनाओं को पूरा करने की शक्ति शिवलिंग के अभिषेक में समाहित है। भगवान शिव सभी दु:खों को दूर कर देते हैं।
शिव की इस पूजा से मिलता है उसी क्षण फल
शिवलिंग का पूजन-अभिषेक करने से सभी देवी-देवताओं के अभिषेक का फल उसी क्षण प्राप्त हो जाता है। श्री लिंग पुराण के अनुसार शिवलिंग के मूल में ब्रह्मा, मध्य में तीनों लोकों के ईश्वर श्री विष्णु तथा ऊपरी भाग में प्रणव संज्ञक महादेव रूद्र सदाशिव विराजमान रहते हैं। लिंग की वेदी महादेवी अम्बिका हैं। वे (सत,रज,तम) तीनों गुणों से तथा त्रिदेव से युक्त रहती हैं। यही कारण है कि शिवलिंग की पूजा करने वाल साधक शिव-पार्वती की कृपा सहजता से प्राप्त कर लेता है।मनोकामना के अनुसार चुनें शिवलिंग
शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति के ग्रह-गोचर अनुकूल होने लगते हैं। घर से नकारात्मक ऊर्जा हमेशा के लिए दूर चली जाती है। लिंग महापुराण के अनुसार रत्नों द्वारा निर्मित लिंग की पूजा लक्ष्मी की कृपा दिलाने वाला होता है। वहीं पाषाण निर्मित लिंग समस्त सिद्धियों को देने वाला, धातु निर्मित लिंग धन-संपत्ति देने वाला तथा काष्ठ निर्मित शिवलिंग भोग-सिद्धि प्रदान करने वाला है। इसी प्रकार शुद्ध मिट्टी से बना हुआ (पार्थिव) शिवलिंग सभी सिद्धियों की प्राप्ति कराने वाला माना गया है।
चमत्कारी है पारद शिवलिंग
भगवान शिव को पारा बहुत प्रिय है। पारद शिवलिंग की पूजा को शास्त्रों में अत्यधिक फल देने वाला बताया गया है। पारद शिवलिंग सभी प्रकार के दैहिक, दैविक एवं भौतिक दु:खों को दूर करने वाला है। पारद शंभुबीज है, अर्थात् पारद की उत्पत्ति महादेव के शरीर से उत्पन्न पदार्थ शुक्र से मानी गई है। इसलिए शास्त्रों में पारद को साक्षात शिव का रूप माना गया है और पारद लिंग का सबसे ज़्यादा महत्त्व बताकर उसे दिव्य बताया गया है।
सोमवार को शिव की पूजा का है बहुत महत्व, महादेव को इस विधि और मंत्र से करें प्रसन्न
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