पिछले 30 सालों में सोने की सबसे खराब शुरुआत के बाद अभी भी इसमें गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही। सोने की रंगत मार्च में अब तक भी उड़ी ही है। इस महीने अब तक सोना 2054 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है। सर्राफा बाजारों में 26 फरवरी को 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 46570 रुपये थी। पांच मार्च को सोना 44516 रुपये पर बंद हुआ। अगर गिरावट ऐसी ही जारी रही तो अगले एक महीने में सोना 42000 तक आ सकता है। बता दें ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, 1991 में सोने की शुरुआत सबसे खराब हुई थी। इसके बाद 2021 में सोने ने सबसे खराब शुरुआत किया।
विवरण | सोना रुपये प्रति 10 ग्राम |
चांदी रुपये प्रति किलो |
एक हफ्ते में गिरावट | 1460 | 3338 |
इस महीने में गिरावट | 2054 | 3493 |
इस साल गिरावट | 5686 | 2255 |
ऑल टाइम हाई से गिरावट | 11738 | 10880 |
सोना पिछले एक हफ्ते में 1460 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता हुआ है। पिछले एक मार्च को यह 45976 रुपये पर बंद हुआ था। अगर साल 2021 की बात करें तो 5 मार्च तक सोना 5686 रुपये तक सस्ता हो चुका है। वहीं अगर इसके उच्चतम रेट से तुलना करें तो यह ऑल टाइम हाई 56254 से करीब 11738 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो चुका है।
इस साल सोने की रंगत तो उड़ी ही हुई है, चांदी की चमक भी फीकी पड़ती जा रही है। पिछले एक हफ्ते में सर्राफा बाजारों में चांदी का हाजिर भाव 3338 रुपये प्रति किलो तक गिर चुकी है। वहीं अगर इस साल की बात करें तो चांदी 2255 रुपये तक सस्ती हो चुकी है। अगर पिछले साल के इसके उच्चतम भाव से तुलना करें तो चांदी में अबतक 10880 रुपये तक की गिरावट हो चुकी है। पिछले साल 7 अगस्त को चांदी 76008 रुपये प्रति किलो थी, जो अब 65128 रुपये पर आ गई है।
डेट | सोना रुपये/10 ग्राम | चांदी रुपये/किलो |
05 मार्च 2021 | 44516 | 65128 |
01 मार्च 2021 | 45976 | 68621 |
26 फरवरी 2021 | 46570 | 68621 |
31 दिसंबर 2020 | 50123 | 67383 |
7 अगस्त 2020 | 56254 | 76008 |
स्रोत: IBJA
केडिया कमोडिटिज के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में सोना 42500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक आ सकता है। लाइव हिन्दुस्तान के साथ बातचीत में केडिया इस गिरावट की पांच बड़ी वजहें बताते हैं।
- पहली वजह: इंपोर्ट ड्यूटी में 2.5 प्रतिशत की कटौती का सीधा असर गोल्ड और सिल्वर मार्केट पर पड़ रहा है।
- दूसरी वजह: डॉलर इंडेक्स जब गिर रहा था तो सोने का रेट चढ़ रहा था। अब यह संभालता हुआ दिखाई दे रहा है। डॉलर इंडेक्स अब 91 पर आ गया है। इसका असर सोने के भाव पर पड़ रहा है।
- तीसरी वजह: यूएस में बांड यील्ड का बढ़ना है। यह अब 1.4 फीसद पर पहुंच गया है। जब बांड यील्ड का बढ़ना गोल्ड के लिए नेगेटिव होता है।
- चौथी वजह: ईटीएफ में मुनाफवसूली बढ़ी है। वहीं, कोरोना वायरस को लेकर लोगों की चिंताएं अब कम हो रही हैं, इससे भी सोने के रेट में गिरावट है।
- पांचवीं वजह: निवेश के लिहाज से सबसे सुरक्षित माने जाने वाले सोने के बजाय लोगों ने पैसा थोड़ा जोखिम वाली जगहों पर लगाया है, जैसे कि बिटक्वान और इक्विटी। बिटक्वाइन और इक्विटी दोनों में इधर निवेशकों का रुझान बढ़ा है। गोल्ड और सिल्वर का रेश्यो कम हुआ है।
चीन, सिंगापुर, हांगकांग में सोने की मांग बढ़ी है और भाव गिरने से घरेलू मार्केट में खरीदारी बढ़ेगी। वहीं चांदी 63000 से 71000 के बीच रह सकती है। कम रेट होने की वजह से भी लोअर लेबल पर खरीदारी बढ़ रही है। अगर इस वजह से सोने के रेट में उछाल आया तो यह 46500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। सोने के रेट में फरवरी महीने सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। सर्राफा बाजारों में सोने के रेट में 3000 रुपये गिरावट देखी गई वहीं, सोना अपने उच्चतम रेट से 11000 रुपये से ज्यादा सस्ता हो चुका है।