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सोनभद्र नरसंहारा को लेकर ममता बनर्जी ने भाजपा पर साधा निशाना, कहा- यूपी सरकार अपनी मनमानी कर रही है प्रियंका गांधी को रोक कर सही नहीं किया

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने सोनभद्र नरसंहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए सोनभद्र जाने की अनुमति नहीं दी लेकिन बीजेपी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिम बंगाल के भाटपारा क्षेत्र का दौरा उस समय किया था जब वहां कर्फ्यू लगा हुआ था. ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा कि मैं प्रियंका गांधी को हिरासत में लिये जाने की निंदा करती हूं. जो भी हुआ वह गलत था. सोनभद्र में दलितों पर अत्याचार होने की घटनाएं हुई हैं और अगर कोई इसके खिलाफ आवाज उठा रहा है, तो उन्हें ऐसा करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भाजपा के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के बावजूद भाटपारा जाने दिया गया था, लेकिन पार्टी ने प्रशासन की सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया और कानून का उल्लंघन करते हुए 50 वाहनों के साथ वहां गये.

प्रियंका चार लोगों को अपने साथ ले गई थीं और मुझे लगता है कि तीन या चार लोगों को हमेशा अनुमति दी जानी चाहिए. हमने भाटपारा में ऐसा ही किया था. हम लोगों को रोकते नहीं हैं लेकिन बीजेपी ऐसा करते हैं और फिर हमारे बारे में झूठ फैलाते हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब बताते हुए कहा कि मुझे बताया गया है कि 1,100 से अधिक मुठभेड़ (उत्तर प्रदेश में) हुई हैं और हर रोज पीट पीटकर मार डालने की घटनाएं होती हैं. इन पर गौर किया जाना चाहिए. बनर्जी ने सोनभद्र घटना के पीड़ितों के पास देरी से जाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मैंने सुना कि आदित्यनाथ सोनभद्र (रविवार को) जा रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें जल्द ही जाना चाहिए था. सोनभद्र में जो हुआ है, वह सही नहीं है. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने की इजाजत नहीं दी. उत्तर प्रदेश सरकार के इस रवैये के खिलाफ जब प्रियंका गांधी धरने पर बैठीं तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद वह कई घंटों तक मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में ही रहीं.

और कहा की जब तक मैं पीड़ित परिवार से मिल नहीं लेती तब तक यहां से नहीं जाऊंगी. प्रियंका की इस मांग के आगे उत्तर प्रदेश सरकार को झुकना पड़ा और आखिरकार सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों के दो रिश्तेदारों से वह चुनार गेस्ट हाउस में ही मिलीं. सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों के 2 रिश्तेदारों से मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने कहा है कि उनका मकसद पूरा हो गया है. उन्होंने कहा कि वह अभी तक हिरासत में हैं. अब प्रशासन का क्या कहता है कि यह देखते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद की जाएगी जिनके घर के लोग इस हत्याकांड में मारे गए थे. वहीं मिर्जापुर के डीएम की ओर से बयान आया है कि प्रियंका गांधी पूरी तरह से आजाद हैं, न उनको हिरासत या गिरफ्तार किया जाएगा या किसी तरह का मुचलका भरना होगा. दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा है कि धारा 144 लगने के बाद अगर कोई राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने जाता है तो यह ठीक नहीं है.

किसी को भी संवेदशील मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. दूसरी ओर सोनभद्र जा रहे चार टीएमसी सांसदों के अलाव कांग्रेस के दीपेंदर हुड्डा, मुकुल वासनिक, राज बब्बर, जितिन प्रसाद, राजीव शुक्ला को वाराणसी एयरपोर्ट में हिरासत लिया गया है. आपको बता दें कि सोनभद्र में जमीन कब्जा करने के गए एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद से योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी. इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रशासन द्वारा रोके जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने शनिवार को राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में ”जंगल राज ” होने और आदिवासियों की ”संस्थागत हत्या” किए जाने का आरोप लगाया और सवाल किया कि आखिर सरकार प्रियंका से डरी हुई क्यों है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”सोनभद्र का नरसंहार देश के गरीब और किसान के खिलाफ है. ये हत्याएं संस्थागत मानी जाएं.” उन्होंने कहा, “पीड़ितों की न्याय देने की बजाय अजय सिंह उर्फ आदित्यनाथ की सरकार विपक्षी दलों के नेताओं के दमन में लगी है.

प्रियंका जी का कसूर इतना ही है कि वह पीड़ितों से मिलना और उनके आंसू पोंछना चाहती थीं.” सुरजेवाला ने कहा, ” पीड़ित आदिवासियों के गांव ऊंभा को पुलिस छावनी बना दिया गया। किसी के आने जाने पर रोक लगा दी गयी है. क्या वहां आतंकवादी और उग्रवादी हैं?” उन्होंने दावा किया, “आदित्यनाथ सरकार ने 19 अक्टूबर 2017 को आदिवासियों की जमीन को मुख्य आरोपी के नाम कर दी. योगी सरकार आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करवाना चाहती है. आदिवासी किसान के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गईं. आदिवासियों ने जिलाधिकारी के पास आवेदन किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.” उन्होंने कहा, ”यह आदित्यनाथ सरकार का षडयंत्र नहीं तो क्या है? सच्चाई यह है कि आदित्यनाथ सरकार अपराधियो को संरक्षण दे रही है.

वह सोनभद्र में अपराधियों के साथ खड़ी है.” उन्होंने कहा कि हम नरसंहार के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे. सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया, “क्या पूरे उम्भा गाँव (सोनभद्र) को पुलिस छावनी में बदल कर सच दबा पाएगी आदित्यनाथ सरकार? भाजपा सरकार को प्रियंका गांधी से डर क्यों लगता है?” गौरतलब है कि प्रियंका को शुक्रवार को सोनभद्र जाने से प्रशासन ने रोक दिया. वह बुधवार को हुए इस सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहीं थी. प्रियंका प्रशासन के इस कदम के विरोध में धरने पर बैठ गईं. बाद में उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया. शनिवार सुबह पीड़ित परिवारों के कुछ लोग खुद वहां पहुंचे और प्रियंका से मिले. पिछले दिनों सोनभद्र में जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर कथित रूप से दूसरे पक्ष पर गोलीबारी की जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

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