पटना: बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सहयोगी दलों के नेता भी सरकार पर सवालिया निशान लगाने लगे हैं. केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने राजधानी के दानापुर में पत्रकार पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री को मामले में संज्ञान लेने की सलाह दी है. वहीं, समस्तीपुर में राजद नेता की हत्या को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया है. जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने राजधानी से सटे दानापुर में पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री को मामले में संज्ञान लेने की सलाह दी है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री मामले पर खुद संज्ञान लें. उन्होंने कहा कि आप हमेशा कहते हैं कि लॉ एंड आर्डर से कभी भी समझौता नहीं करेंगे. मालूम हो कि सगुना मोड़ स्थित एक हाईटेक अस्पताल पर पैसे के लिए मृतक को जिंदा बताकर इलाज करने का आरोप लगा था.
परिजनों ने आरोप लगाया था कि विरोध करने पर अस्पताल के कर्मियों द्वारा मारपीट की गयी. वहीं, अस्पताल के कर्मियों ने समाचार संकलन करने गये पत्रकारों को भी निशाना बनाते हुए मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था. साथ ही पत्रकारों के मोबाइल और कैमरे छीन लिये थे. समस्तीपुर में राजद नेता रघुवर राय की हत्या किये जाने को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सरकार पर निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर मुख्यमंत्री को घेरा है. तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि, नीतीश कुमार जी, सत्ता संरक्षित गुंडों को संभालिए. किस बात और किस काम के गृहमंत्री बने कुर्सी से चिपक कर बैठे हैं? आपके द्वारा संरक्षित अपराधी रालोसपा और राजद के नेताओं की चुन-चुन कर हत्या कर रहे हैं,
लेकिन आजतक आपकी जुबान का ताला नहीं खुला है. घोर निंदनीय.. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा ने भी राजद के प्रदेश महासचिव रघुवर राय की हत्या को हृदयविदारक बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि विपक्षी जनसेवकों की लगातार हत्याएं हो रही हैं. लेकिन, सरकार अंधी, गूंगी और बहरी बनकर बिहार और देश की जनता को कथित सुशासन रटाये जा रही है. थेथर हो चुकी है डबल इंजन सरकार. मालूम हो कि आरएलएसपी के कई नेताओं की हत्या पिछले कुछ माह में हुई है. भाजपा के राज्यसभा सदस्य आरके सिन्हा ने कहा कि हत्या होना कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला नहीं होता है. हत्याएं सुनियोजित अपराध होता हैं. इसे कभी रोका नहीं जा सकता है. हत्या के कई कारण होते हैं. अनुसंधान में पता चलता है कि हत्या के क्या कारण हैं. सड़क पर हत्या हो जाये, रोडरेज हो जाये, आगजनी हो जाये, दंगा हो जाये, यह कानून-व्यवस्था का मामला होता है. हत्या को विपक्ष बेवजह का मुद्दा बना रहा है.