नई दिल्ली: देश के नए विदेश मंत्री एस. जयशंकर सोशल मीडिया पर एक्टिव हो गए हैं। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पद चिन्हों पर चलते हुए जयशंकर ने ट्विटर पर लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ा दिए हैं। दरअसल, एक महिला ने ट्विटर के जरिए मदद की गुहार लगाई तो विदेश मंत्री ने तुरंत मदद का आश्वासन दिया। एस जयशंकर के कार्यभार संभालने के बाद शनिवार को रिंकी नाम की एक महिला ने विदेश मंत्री और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को टैग करते हुए मदद की गुहार लगाते हुए ट्वीट किया कि, मेरी बेटी दो साल की है, मैं उसको वापस पाने के लिए 6 महीने से संघर्ष कर रही हूं, वह अमेरिका में है और मैं भारत में हूं,
मेरी मदद करें। मैं आपके जवाब का इंतजार कर रही हूं।विदेश मंत्री ने महिला को तुरंत जवाब देते हुए लिखा, अमेरिका में हमारे राजदूत पूरी मदद करेंगे। आप सारी जानकारी उनको दें। वहीं एक अन्य महालक्ष्मी नाम की महिला ने भी ट्विटर के जरिए विदेश मंत्री से मदद मांगी, महिला ने कहा कि हम परिवार के साथ जर्मली और इटली ट्रिप पर हैं, मेरे पति और बेटे का पासपोर्ट मेरे बैग के साथ चोरी हो गया है, हमें 6 जून को भारत लौटना है। कृपया मेरी मदद करें, इस ट्वीट पर भी विदेश मंत्री ने जवाब दिया। बता दें कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी ट्विटर पर काफी एक्टिव रहती थीं और मदद की गुहार लगाने पर तुरंत आश्वासन देते हुए सहायता करती थीं। मैडीकल वीजा हो या फिर कोई समस्या सुषमा स्वराज मदद करने से कभी पीछे नहीं हटती थी और यही वजह है कि वे लोगों की काफी लोकप्रिय नेता बन गई थीं।पाकिस्तान में भी सुषमा की फैन फॉलोविंग काफी थी। इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी पहली आधिकारिक ट्विटर पोस्ट में शनिवार को कहा कि वह अपनी पूर्ववर्ती सुषमा स्वराज के ‘पदचिन्हों का अनुसरण करने के कारण गौरवान्वित हैं।
पूर्व विदेश सचिव जयशंकर (64) ने कहा कि वह इस नयी जिम्मेदारी को प्राप्त कर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मेरा पहला ट्वीट। शुभकामनाओं के लिए सभी को धन्यवाद। यह जिम्मेदारी दिये जाने से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। सुषमा स्वराज जी के पदचिन्हों का अनुसरण कर गौरवान्वित हूं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन शीर्ष पूर्व राजनयिक को विदेश मंत्रालय का प्रभार सौंप कर सभी को हैरत में डाल दिया था। उन्हें यह जिम्मेदारी सेवानिवृत्ति के करीब 16 माह बाद सौंपी गयी है। जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव थे।