नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में रियल एस्टेट क्षेत्र के विनियमन संबंधी राज्य के कानून को मंगलवार को निरस्त कर दिया और कहा कि यह कानून असंवैधानिक है, क्योंकि यह केंद्र के रियल एस्टेट (विनियमन एवं विकास) कानून (रेरा) का अतिक्रमण करता है।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने कहा कि पश्चिम बंगाल आवासीय उद्योग विनियमन कानून, 2017 केंद्र के रेरा से काफी हद तक मिलता-जुलता है और इसलिए यह संसद के कानून के साथ विरोध की स्थिति पैदा करता है।
फैसले में कहा गया कि राज्य के कानून ने संसद के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है। अदालत ने कहा कि आज के फैसले से पहले राज्य कानून के तहत घर खरीद चुके विक्रेताओं को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनका पंजीकरण एवं अन्य कानून वैध रहेंगे।
न्यायालय ने घर खरीदने वालों के संघ ‘फोरम फॉर पीपल्स कलेक्टिव एफर्ट्स’ की उस याचिका पर यह फैसला सुनाया, जिसमें पश्चिम बंगाल उद्योग विनियमन कानून, 2017 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी।