पटना : फिल्म पद्मावत का विरोध कर रही करणी सेना फिल्म को रिलीज करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पीछे हटने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को कहा कि वो कानून व्यवस्था का हवाला देकर फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते. अब करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह ने देशभर के सामाजिक संगठनों से अपील की है कि वो सुनिश्चित करें कि फिल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित न हो.सुप्रीम कोर्ट ने चार बीजेपी शासित राज्यों द्वारा फिल्म को बैन करने के आदेश को लेकर उनकी खिंचाई की जिसके कुछ देर बाद लोकेंद्र सिंह ने घोषणा की, ‘मैं पूरे देश के सामाजिक संगठनों से अपील करता हूं : पद्मावती नहीं चलनी चाहिए. सिनेमा हॉल पर जनता कर्फ्यू लगा दे.’
करणी सेना के युवकों ने पोस्टर फाड़ कर प्रदर्शन किया. मुज़फ़्फ़रपुर के ज्योति सिनेमा हॉल के पास करणी सेना के सदस्य फिल्म नहीं चलने देने के नारे लगा रहे थे. लाठी और तलवार से लैस करणी सेना के सदस्यों ने पोस्टर फाड़कर अपना विरोध प्रदर्शन किया. इन युवकों ने बिहार सरकार से मांग की है कि फ़िल्म को प्रदर्शित नहीं किया जाय नहीं तो हमलोग किसी भी हद तक जाकर विरोध करेंगे.
इससे पहले भी बिहार के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार ने फ़िल्म रिलीज होने पर रोक लगा दी थी. गौरतलब है कि बिहार विधानसभा मे भी बीजेपी विधायक के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था.
हालांकि फिल्म निर्देशक मधुर भंडारकर ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। एएनआई से उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि राज्य सरकारें सिनेमाघरों को सुरक्षा मुहैया कराएंगी।’ इससे पहले न्यूज चैनल एबीपी की लाइव डिबेट में मेरठ के स्थानीय राजपूत नेता ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली की हत्या तक करने की धमकी दी। डिबेट का वीडियो अब सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें कथित क्षत्रिय युवा महासभा का अध्यक्ष अभिषेक सोम कह रहा है कि मेरठ में उसने भंसाली और दीपिका पादुकोण की कब्रें खुदवा ली हैं। उन कब्रों में उन्हें (पद्मावत कलाकारों और निर्देशक) जिंदा दफनाएगा या मुर्दा दफनाएगा। हालांकि राजपूत नेता के इस बयान पर टीवी पत्रकार ने कड़ी फटकार लगाते हुए उसपर संविधान के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।