पंजाब: आम आदमी पार्टी से नाता तोड़ने के बाद पंजाब एकता पार्टी का गठन कर लोकसभा चुनाव में उतरे सुखपाल सिंह खैरा ने आखिरकार विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने वीरवार को पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा केपी सिंह को भेजे इस्तीफे में पद छोड़ने के कई कारण गिनाए हैं। स्पीकर को लिखे पत्र में खैरा ने कहा है कि वे पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के उम्मीदवार के तौर पर बठिंडा लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं, इसलिए उन्होंने भुलत्थ विधानसभा सीट से इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वे 2017 में आम आदमी पार्टी के चिह्न पर एमएलए चुने गए थे।
लेकिन पंजाब में अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के वालंटियरों को तब धोखा दिया जब उन्होंने ड्रग्स मामलों के दागी पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांग ली। अब केजरीवाल गठजोड़ के लिए उसी कांग्रेस से भीख मांग रहे हैं जिसके खिलाफ उन्होंने और अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाई थी। इन परिस्थितियों को देखते हुए उनके पास अन्य विधायकों व वालंटियरों के साथ मिलकर पंजाब एकता पार्टी के गठन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। खैरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा जैसी भ्रष्टाचारी पार्टियों का मुकाबला करने के लिए उन्होंने अपनी जैसी सोच वाली पार्टियों के साथ गठजोड़ कर प्रदेश स्तर पर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस बनाया है। इसमें बसपा, सीपीआई, लिप, आरएमपीआई, एनपीपी और पीईपी शामिल हैं।