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सीवीओ के ठड़े बस्ते में पड़ी हैं 200 से अधिक भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें

नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि 31 दिसंबर 2020 तक मुख्य सतर्कता अधिकारियों के पास सरकार के विभिन्न विभागों में भ्रष्टाचार संबंधी कुल 219 शिकायतें जांच के लिए लंबित थीं जिनमें 105 शिकायतें तीन साल से अधिक समय से लंबित थीं।

आयोग ने कहा कि आयोग की दुरस्थ शाखा के तौर पर काम करने वाले सीवीओ से अपेक्षा होती है कि वे किसी सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार को रोकेंगे और इसके बाद आदर्श स्थिति में तीन महीने के अंदर या इसके बाद जितना जल्द संभव हो, जांच को समाप्त करेंगे। सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2020 के अनुसार, ”आयोग द्वारा जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारियों को भेजी गईं ऐसी शिकायतों के संदर्भ में साल 2020 के अंत में 219 मामलों में रिपोर्ट लंबित थीं जिनमें से 58 शिकायतें एक साल से लंबित थीं, 56 शिकायतें एक से तीन साल की अवधि से लंबित थीं और 105 तीन साल से अधिक समय से लंबित थीं।

रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे ज्यादा 22-22 शिकायतें दिल्ली सरकार, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग और प्रारंभिक शिक्षा तथा साक्षरता विभाग के पास लंबित थीं। दिल्ली सरकार के पास लंबित शिकायतों में आठ शिकायतें तीन साल से ज्यादा लंबित थीं, नौ शिकायतें एक से तीन साल से लंबित मिलीं तथा पांच शिकायतें एक साल से लंबित थीं।

इसमें कहा गया कि माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग तथा प्रारंभिक शिक्षा तथा साक्षरता विभाग में तीन साल से अधिक समय से 14 शिकायतों में जांच और रिपोर्ट लंबित थीं। इनमें सात शिकायतें एक से तीन साल से तथा एक शिकायत एक साल से लंबित थीं। सीवीसी की वार्षिक रिपोर्ट 2020 संसद के हाल में संपन्न मानसूस सत्र में पेश की गई थी और मंगलवार को आयोग की वेबसाइट पर अपलोड की गई।

रिपोर्ट के अनुसार सीवीसी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के सीवीओ को भेजी गईं कुल 14 शिकायतों में पड़ताल लंबित थी। इनमें से चार शिकायतें तीन साल से अधिक समय से, छह शिकायतें एक से तीन साल की अवधि से और चार शिकायतें एक साल से लंबित थीं।

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