वाराणसी। सीवर सफाई लिए टैंक में उतरे दो सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई। इसकी पुष्टि सुबह हुई। मृत कर्मचारयों के शवों को एनडीआरएफ की टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद 10 घंटे बाद बाहर निकाला। बता दें कि इसके पहले नवंबर 2018 में भी दो सफाईकर्मियों की जान दीनापुर सीवेज प्लांट के पंपिंग स्टेशन में सफाई के दौरान चली गयी थी। बताते हैं कि कैंट थाना इलाके के काली मंदिर के पास एलएनटी द्वारा डाले गए सीवर पाइप लाइनों की सफाई के लिए दो सफाई कर्मी गुरुवार की रात ही टैंक के अंदर घुसे थे। वो 40 फीट गहराई में उतरे थे। लेकिन कुछ देर बाद से ही इनका लोकेशन नहीं मिल रहा था। इसकी सूचना पर पहुंची।
एनडीआरएफ टीम और पुलिस ने 10 घंटे की मशक्कत के बाद दोनों मजदूरों के शव शुक्रवार की सुबह निकाल लिए।बता दें कि ये मजदूर गुरुवार रात को चैंबर में अंदर गए थे, जिस वक्त वो चैंबर में गए थे उसी दौरान कहीं लीकेज से पानी आ गया और वो अंदर ही फंसे रह गए। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम सफाई कर्मचारियों की तलाश में जुटी। एनडीआरएफ और पुलिस ने सात घंटे की मशक्कत के बाद दोनों मजदूरों के शव निकाल लिए। दोनों मजदूरों में एक 32 वर्षीय चंदन पासवान बिहार के मधुबनी के रहने वाले थे जबकि दूसरा मजदूर 30 वर्षीय चंदन शिवपुर का रहने वाला था। दोनों ठेकेदार अनुराग मिश्रा के यहां काम करते थे, जो अभी गायब बताया जा रहा है।
पुलिस उसकी तलाश कर रही है। घटना के बाद मौक पर भारी तादद में भीड़ जमा हो गई। सफाईकर्मियों ने बताया कि सीवर सफाई के दौरान सड़क धंसने के कारण मेनहोल में मलवे का प्रवाह इतना तेज हुआ कि उसमें चंदन व राजेश लापता हो गए। सुबह इसकी सूचना पाकर पुलिस पहुंची तो कुछ देर बाद एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई। एनडीआरएफ ने दोनों मजदूरों के शव को बरामद कर लिया है। पुलिस ने बताया कि दोनों सफाई कर्मी बिहार के भभुआ जिले के रहने वाले थे। रिश्ते में दोनों चाचा-भतीजा थे। पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।