वाशिंगटन: अमेरिका ने सीरिया के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि बशर अल असद की ‘आपराधिक ’ सरकार को निशाना बनाने के लिए अमेरिका ने सीरिया के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है और इसमें ब्रिटेन और फ्रांस भी शामिल हैं. यानी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साथ मिलकर सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद द्वारा हाल ही में किये गये रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि सीरिया में कथित रासायनिक हमले से हिंसा में ‘बड़ी वृद्धि ’ हुई.राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ब्रिटेन और फ्रांस के सहयोग और सहमति के आधार पर अमेरिका ने सीरिया के पर हमले किये हैं और यह सैन्य कार्रवाई अभी जारी रहेगा. आगे उन्होंने कहा कि यह हमला सीरिया के राष्ट्रपति असद को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से रोकने से रूस की विफलता का ‘प्रत्यक्ष परिणाम’ है. साथ ही ट्रम्प ने रूस और ईरान को दमिश्क में उनके सहयोगी के साथ खड़ा नहीं होने की भी चेतावनी दी है.
बता दें कि पूर्वी गोता के डुमा में हाल ही में कथित रूप से सीरिया द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर तनाव बढ़ गया. इस हमले में बच्चों सहित 74 लोग मारे गए थे. जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के लिए सीरियाई सरकार को दोषी ठहराते हुए सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी थी.
जैसे ही व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य हवाई हमले की घोषणा की, वैसे ही सीरिया की राजधानी में भयंकर विस्फोट सुनाई दिया और आसमान में धुएं दिखने लगे. यह सात साल पुराने सीविल वार में एक नया अध्याय है. उन्होंने कहा कि फ्रांस और ब्रिटेन की सशस्त्र सेनाओं के साथ संयुक्त अभियान चल रहा है. हम दोनों देशों का आभार जताते हैं. यह नरसंहार उस भयानक सरकार द्वारा इस्तेमाल किए गए रासायनिक हथियारों की प्रवृत्ति में बड़ी वृद्धि है.’
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि कुछ समय पहले, मैंने संयुक्त राज्य के सशस्त्र बलों को सीरिया के तानाशाह बशर अल असद की रासायनिक हथियारों निशाना बनाकर सटीक हमला करने का आदेश आदेश दिया था. उन्होंने कहा कि यह हमला अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का संयुक्त अभियान है, जो जारी रहेगा. हम इसके लिए दोनों का शुक्रिया अदा करते हैं.
ट्रंप ने कहा कि आज किए गये हमले के पीछे हमारा उद्देश्य रसायनिक हथियारों के निर्माण और प्रयोग करनेवालों को चेतावनी देनी है और रसायनिक हथियारों का प्रयोग और निर्माण दोनों को रोकना हमारा उद्देश्य है.
हालांकि, रूस ने कहा कि उसके सैन्य विशेषज्ञों ने रासायनिक हमलों का कोई सबूत नहीं पाया और कहा कि सीरिया को बदनाम करने के लिए विद्रोहियों ने यह साजिश रची होगी या अफवाह फैलाई होगी.