नई दिल्ली : जज ओपी सैनी की सीबीआई की विशेष अदालत मनमोहन सिंह सरकार के समय स्पेक्ट्रम आवंटन में हुए घोटाले पर गुरुवार को निर्णय दिया। इसमें पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा और द्रमुक सांसद कनीमोई के अलावा अन्य को आरोपी बनाया गया था। राजा और कनीमोई सुबह में कोर्ट पहुंच गए थे। 1.76 लाख करोड़ रुपये के 2जी घोटाले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। आरोपियों के खिलाफ सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी मामला दर्ज किया था। सीबीआई की चार्जशीट पर विशेष अदालत ने वर्ष 2011 में मामले के 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
सीबीआई और ईडी ने आरोपियों के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। विशेष अदालत ने राजा और कनीमोई के अलावा अन्य आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत आरोप तय किए गए थे। इन पर आपराधिक षडयंत्र रचने, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने, पद का दुरुपयोग करने और घूस लेने जैसे आरोप लगाए गए थे। सीबीआई ने 2जी घोटाला मामले में अप्रैल 2011 में आरोपपत्र दाखिल किया था। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि स्पेक्ट्रम के लिए 122 लाइसेंस जारी करने में गड़बड़ी के कारण 30,984 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को लाइसेंस को रद कर दिया था।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हमारी सरकार पर लगे बड़े घोटाले के आरोप झूठे थे और आज ये साबित हो गया है. आरोपियों के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई आरोप साबित करने में नाकाम रही है इसलिए जज ने सभी को बरी कर दिया. डीएमके नेता दुरमु मुरुगन ने कहा कि विजय अब शुरू हुई है. राजनीतिक उद्देश्यों के चलते हम पर ये मामला डाला गया था. हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचा गया लेकिन अब सब खत्म हो गया. अदालत के फैसले के बाद कनिमोई ने कहा कि मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद कहना चाहूंगी जो मेरे साथ खड़े रहे.
अदालत के फैसले के बाद डीएमके समर्थकों ने पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर उत्साह में दिखे और उनके हाथ में सत्यमेव जयते के बैनर थे. इस मामले में सीबीआई ने कहा कि इसम मामले में हम सीबीआई के फैसले की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद ही कोई फैसला लेंगे.
2-जी घोटाले के सभी अभियुक्तों के नाम… जो अब आरोपमुक्त हो गए हैं :
1. ए राजा
2. सिद्धार्थ बेहुरा
3. आरके चंदोलिया
4. शाहिद उस्मान बलवा
5. विनोद गोयनका
6. मैसर्स स्वान टेलीकॉम (प्राइवेट) लिमिटेड (अब मैसर्स एतिसलात डीबी टेलीकॉम (प्राइवेट) लिमिटेड)
7. संजय चंद्रा
8. मैसर्स यूनीटेक वायरलैस (तमिलनाडु) लिमिटेड
9. गौतम दोषी
10. सुरेंद्र पिपारा
11. हरि नायर
12. मैसर्स रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड
13. आसिफ बलवा
14. राजीव अग्रवाल
15. करीम मोरानी
16. शरद कुमार
17. कनिमोई करुणानिधि
दरअसल कोर्ट ने तीन मामलों की सुनवाई की है, जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का है.
पहले सीबीआई केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा के अलावा डीएमके के राज्यसभा सांसद कनिमोई, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, ए. राजा के तत्कालीन निजी सचिव आरके चंदौलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका, यूनिटेक कंपनी के एमडी संजय चंद्रा, कुशेगांव फ्रूटस एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के आसिफ बलवा व राजीव अग्रवाल, कलाईगनार टीवी के निदेशक शरद कुमार और सिनेयुग फिल्म्स के करीम मोरानी के अलावा रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के वरिष्ठ अधिकारी गौतम जोशी, सुरेंद्र पिपारा, हरि नैयर आरोपी हैं. इसके अलावा तीन कंपनियों स्वान टेलीकॉम लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडू) को भी आरोपी बनाया गया था.
अदालत के फैसले के बाद कपिल सिब्बल ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन पर हमारा ‘जीरो लॉस’ का दावा सिद्ध हो गया और ये मामला संसद में उठाएंगे. उन्होंने कहा कि आज मेरी बात सिद्घ हो गई है कि कोई करप्शन और कोई घाटा नहीं था. अगर घोटाला है तो झूठ का स्कैम है. विपक्ष और विनोद राय के झूठ का है. विनोद राय को देश के सामने माफी मांगनी चाहिए.