लखनऊ : सीएम योगी आदित्यनाथ को करारा झटका लगा है। 19 साल पुराने हत्याकांड में जिला सत्र न्यायालय ने उन्हें नोटिस जारी किया गया है। योगी आदित्यनाथ तो जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है। सीएम योगी के खिलाफ पहला मामला महाराजगंज कोतवाली में पंचरुखिया कांड में दर्ज किया गया था। कब्रिस्तान और तालाब की जमीन को लेकर दो समुदायों में विवाद था।
इस मामले में सपा नेता तलत अजीज ने आरोप लगाया था कि उन्हें मारने की नीयत से गोली चलाई गई थी। तत्कालीन बीजेपी की सरकार ने सीबीसीआईडी को जांच सौंप दी। सीबीसीआईडी ने इस मामले में अपनी रिपोर्ट दी। लेकिन ये साफ नहीं हो पाया कि गोली किस तरफ से चलाई गई। लेकिन तलत अजीज पक्ष का ये कहना था कि कुछ लोगों को बचाने के लिए जांच में लीपापोती की गई।
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को राजनीतिक दलों को निर्देश दिए कि चुनाव लड़ रहे उनके जिन उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उसकी जानकारी वे अपनी वेबसाइटों और मीडिया में सार्वजनिक करें। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए संसद से भी इस समस्या से निपटने के लिए कानून बनाने का आग्रह किया, जिससे आपराधिक छवि वाले नेता विधायिका में प्रवेश नहीं कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कानून ऐसा होना चाहिए, जो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को फंसाने के लिए बनाए जाने वाले फर्जी मामलों से भी निपटने में सक्षम हो।