नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और तिरुअनंतपुरम से सांसद शशि थरूर सोमवार को मंदिर में पूजा करने के दौरान घायल हो गए थे. मगर सिर पर चोट लगने की वजह से 6 टांके लग गए, बावजूद इसके सिर पर पट्टी बांधे उन्होंने अगले दिन मंगलवार को चुनाव प्रचार में शामिल हुए. कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने मंगलवार को शशि थरूर के ‘साहस’ की प्रशंसा की जो यहां से एक बार फिर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. एक दिन पहले मंदिर में जख्मी होने के बावजूद चुनाव प्रचार करने के लिए राहुल ने उनके ‘साहस’ की प्रशंसा की. राहुल गांधी ने यहां एक चुनाव प्रचार में हजारों पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि थरूर के जख्म के बारे में जानकर उन्हें चिंता हुई. शशि थरूर के सिर में सोमवार को चोट लगने के कारण छह टांके लगाए गए लेकिन उन्होंने सिर पर पट्टी बांधकर चुनाव प्रचार किया.
राहुल गांधी ने कहा, ‘‘थरूर जब घायल हुए तो मैं काफी चिंतित हुआ. लेकिन यह देखकर खुश हूं कि वह फिर से प्रचार करने आ गए. यह उनके साहस को दिखाता है. कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मैं आपसे कहता हूं कि संसद में उन्होंने आपका बढ़िया प्रतिनिधित्व किया… संसद में वह आपके लिए बोलते हैं. वह केरल की धरोहर हैं.’ बता दें कि सोमवार को कांग्रेस नेता एवं तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर को सिर में उस समय चोट लग गई जब यहां एक मंदिर में ‘तुलाभरम’ रस्म निभाते समय तराजू का लोहे का हुक गिर गया और उनके सिर पर जा लगा. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें करीब 6 टांके लगे.
इस पर समाचार एजेंसी के एक सवाल के जवाब में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मुझे जानकारी मिली की शशि थरूर पूजा करने के दौरान घायल हो गए हैं. इसलिए मैंने सोचा कि मुझे जाना चाहिए और उन्हें स्वस्थ होने की कामना करनी चाहिए. इस बारे में मैंने किसी को कोई सूचना नहीं दी. यहां तक कि मैंने अपने पार्टी के लोगों को भी नहीं. एयरपोर्ट वापस लौटने के दौरान मुझे लगा कि मुझे अस्पताल जाना चाहिए. मंगलवार को निर्मला सीतारमण ने शशि थरूर से मिलने अस्पताल पहुंची थीं. अस्पताल में इस मुलाकात की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए शशि थरूर ने लिखा कि ‘केरल में व्यस्त चुनावी माहौल के बावजूद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण मेरा हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचीं.
भारत की राजनीति में इस तरह की शिष्टता एक बहुत ही दुर्लभ गुण है और उन्होंने इसका एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.’ बता दें कि ‘तुलाभरम’ एक हिंदू रस्म है जिसमें कोई व्यक्ति फूल, अनाज, फल और ऐसी ही वस्तुओं के साथ तराजू में खुद को तौलता है और उसके वजन के बराबर वस्तुएं दान दी जाती हैं. इससे पहले शशि थरूर ने खुद ट्वीट कर घायल होने की जानकारी दी थी. उन्होंने चोटिल अवस्था में अपनी एक तस्वीर साझा की और लिखा- ‘तुलाभरम’ रस्म के दौरान एक भारी तराजू का हूक मेरे सिर पर गिर गया. खून ज्यादा बहे हैं, मगर कोई और नुकसान हीं है. भगवान का शुक्र है कि मेरे आस-पास के किसी को कुछ नहीं हुआ, नहीं तो उन्हें भी गंभीर चोट आ सकती थी.