नई दिल्ली। सिंघु बॉर्डर पर किसान मोर्चा के मंच पर लटके हुए शव केस में पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में लिया है। मगर हैरत की बात यह है कि आरोपी का कहना है कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। उसका कहना है कि उसने पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने वाले को सजा दी है।
हालांकि इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा ने जांच की मांग उठाई है। उधर, दूसरी ओर पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान पंजाब के तरनतारन जिले के गांव चीमा खुर्द के रहने वाले दलित खेत मजदूर लखबीर सिंह के रुप में हुई है। बताया जा रहा है कि उसका किसी भी राजनैतिक पार्टी से कोई संबंध नहीं है। न ही कोई आपराधिक रिकॉर्ड है।
दरअसल, लखबीर सिंह की हत्या के आरोपी ने बाद में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। जिसके बाद उसके सहयोगियों ने मीडियाकर्मियों के सामने कहा कि वे फिर से इस तरह की चीजें करने के लिए तैयार हैं। कहा कि यदि कोई फिर से ऐसा अपराध करने की हिम्मत करता है तो वे फिर ऐसा कदम उठाएंगे। हालांकि जब पुलिस ने आरोपी से पूछा कि क्या उन्हें अपने किये का कोई पछतावा है, तो आरोपी ने कहा कि उसे अपने किए का कोई पछतावा नहीं हैं।
घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक कथित वीडियो क्लिप जारी हुआ। जिसमें कुछ लोग नीली पगड़ी और चोगा पहने हुए घायल व्यक्ति के सिर के पास उसके कटे हुए बाएं हाथ के साथ खड़े नजर आ रहे है। इतना ही नहीं वीडियो में कथित तौर पर कुछ लोग घायल आदमी से पूछताछ भी करते हुए नजर आ रहे है कि वह कहां से आया है और उसे यहां पर पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने के लिए किसने भेजा है। हालांकि घायल युवक लोगों से गुहार लगाते हुए भी नजर आ रहा है।