सावन में भगवान् शिव के अलावा मां गौरी की भी विशेष कृपा मिल सकती है. इसके लिए सावन के मंगलवार को मां गौरी की उपासना की जाती है. मां गौरी का पूजन करने से जीवन मे हर प्रकार का मंगल होता है. सावन के मंगलवार को मां गौरी की उपासना से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुड़ी हर समस्या दूर की जा सकती है. अगर व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष समस्या दे रहा हो तो इस दिन की पूजा अत्यधिक लाभदायक होती है. सावन में संध्याकाळ के दौरान यदि मां गौरी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को विशेष लाभ की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं किस समस्या के लिेए मां गौरी की उपासना करने का क्या है सही तरीका.
कन्या के विवाह में आ रही हो बाधा तो मंगला गौरी की ऐसे करें पूजा-
– सावन के मंगलवार को संध्या काल मां गौरी की पूजा करें.
– उनके समक्ष घी का एक बड़ा सा चौमुखी दीपक जलाएं.
– मां को सोलह फूल या सोलह तरह के फूल चढाएं, उसमे लाल रंग का फूल जरूर चढाएं.
– मां को लाल रंग की चुनरी और लौंग समर्पित करें.
– इसके बाद मां के समक्ष “ॐ ह्रीं गौर्ये नमः” का जाप करें.
– जाप के बाद शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें.
विवाह के बाद संबंधों में खटास दूर करने के लिए ऐसे करें मां गौरी की उपासना-
– संध्या काल में मां गौरी की पूजा करें.
– मां गौरी के समक्ष घी के तीन दीपक जलाएं.
– इसके बाद मां के चरणों में सिन्दूर अर्पित करें.
– मां को इत्र समर्पित करें तथा १६ इलाइची चढाएं.
– इसके बाद “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे” का ११ माला जाप करें.
– इलाइची को अपने पास रख लें और प्रसाद की तरह खाते रहें.
तलाक की नौबत आ रही हो तो –
– मध्य रात्रि में मां गौरी की पूजा करें.
– भगवान शंकर और मां गौरी की संयुक्त पूजा करें.
– भगवान शंकर और मां पार्वती को वस्त्र समर्पित करें.
– मां गौरी को सुहाग की सामग्रियां (सिन्दूर,चूड़ी,बिंदी,आभूषण,मेहंदी,काजल,शीशा,आलता आदि) अर्पित करें.
– इसके बाद “ॐ गौरीशंकराय नमः” का ११ माला जाप करें.
– जाप के पश्चात वैवाहिक जीवन के सुधार की प्रार्थना करें.