नई दिल्ली: सोने के दाम एक साल में करीब 30 फीसदी और बीते 2 महीनों ही 4,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से ज्यादा बढ़ गए हैं जिससे बुलियन डीलर्स के साथ ही आम निवेशक और खरीदार हैरान हैं। बीते हफ्ते 38,648 रुपए प्रति 10 ग्राम की रिकॉर्ड ऊंचाई के बाद इसके 40 हजारी होने की अटकलें भी लग रही हैं। यानी कि कीमतों में तेजी जारी रहेगी क्योंकि आगे त्यौहारी और शादियों का सीजन आना है। इसलिए अभी सोने की कीमतें कम होने की कोई संभावना नहीं है। दिवाली तक सोने का भाव 40 से 42 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। यही हाल चांदी का है, जो 45,000 रुपए प्रति किलोग्राम की बुलंदी छू चुकी है। ग्लोबल स्लोडाऊनरू दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती और कई देशों में मंदी की दस्तक से शेयरों, म्यूचुअल फंडों से निवेशकों का मुनाफा घटा है और जमा योजनाओं के ब्याज पर भी कैंची चल रही है।
अब वे गोल्ड जैसे सुरक्षित निवेश को तरजीह दे रहे हैं। इससे बहुमूल्य धातुओं की डिमांड बढ़ रही है। अमरीका-चीन व्यापार युद्ध, ब्याज दरों में कटौती और अमरीका में लंबी अवधि (30 साल) की बॉन्ड यील्ड अब तक के सबसे निचले स्तरों पर आने से डॉलर पर दबाव बढ़ा है। ज्यादातर देश अपना मुद्रा भंडार डॉलर में रखते हैं और उनकी कोशिश सोने का भंडार बढ़ाकर आगे ऊंची कीमत पर भुनाने या ज्यादा डॉलर हासिल करने की होती है। इससे भी सोने की डिमांड बढ़ी है। पूरी दुनिया के सैंट्रल बैंकों ने 2019 की पहली छमाही में 374 टन सोना खरीदा, जो पिछले साल से 68 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान सोने की कीमत 18 फीसदी बढ़ी है। तुर्की, कजाकिस्तान, चीन और रूस के सैंट्रल बैंक सोने के सबसे बड़े खरीदार हैं, जबकि आर.बी.आई. ने भी इस साल खरीद बढ़ाई है और टॉप-10 में शामिल हो गया है। इस साल सोने की कुल डिमांड में सैंट्रल बैंकों की खरीदारी 16 फीसदी रही है।
फिलहाल विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर और अमरीकी मौद्रिक नीति के रुझानों से सोने में तेजी बनी रहने के संकेत मिल रहे हैं लेकिन कई राजनीतिक और आर्थिक मोड़ भी दिख रहे हैं, जहां रुझान पलट सकता है। अमरीका में नवंबर 2020 में राष्ट्रपति चुनाव है और सत्ता बदली तो आर्थिक नीतियों में भी उथल-पुथल होगी। इसके सोने की कीमतों पर असर का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों राष्ट्रपति ट्रम्प ने चाइनीज सामान पर ऊंची ड्यूटी दरों को 1 सितम्बर के बजाय 15 दिसम्बर से लागू करने की बात कही और दुनियाभर के बाजारों में तेजी और सोने में गिरावट आ गई। जानकारों का यह भी कहना है कि सोने की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के मुकाबले भारत में तेजी थोड़ी पीछे है, जबकि पीक घरेलू डिमांड वाला त्यौहारी सीजन अभी बाकी है। बजट में सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किए जाने से सप्लाई टाइट रहेगी, जिससे कीमतों को और बल मिलेगा।