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साबरमती आश्रम को तोड़कर संग्रहालय बनाने के निर्णय के फैसले पर प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए: अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुजरात सरकार के साबरमती आश्रम को तोड़कर संग्रहालय बनाने के निर्णय के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए। अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि साबरमती आश्रम को तोड़कर संग्रहालय बनाने का गुजरात सरकार का निर्णय चौंकाने वाला और अनुचित है।

उन्होंने कहा कि आश्रम की गरिमा को नष्ट करना हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान है। ऐसा लगता है कि महात्मा गांधी से जुड़ी हर चीज को बदलने के लिए एक राजनीतिक मकसद से निर्णय लिया गया है। ऐसी कोई भी कार्रवाई इतिहास में घट जाएगी और आने वाली पीढ़ियां उन लोगों को माफ नहीं करेंगी जिन्होंने हमारी समृद्ध विरासत, संस्कृति और परंपराओं को नष्ट करने की कोशिश की।

अशोक गहलोत ने कहा कि नरेन्द्रमोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए और निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए और ऐतिहासिक आश्रम की रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग इस पवित्र स्थल पर यह देखने के लिए आते हैं कि कैसे महात्मा गांधी ने एक सादा जीवन जिया और समाज के हर वर्ग को लेकर एक विशाल स्वतंत्रता आंदोलन चलाया।

खासकर ऐसे समय में जब समाज पूरी तरह बंटा हुआ था। उन्होंने अपने बहुमूल्य जीवन के तेरह वर्ष आश्रम में बिताए। उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम अपने सद्भाव और बंधुत्व के विचारों के लिए जाना जाता है। आगंतुक इस जगह की सादगी और विचारों की प्रशंसा करते हैं, इसलिए इसे एक आश्रम कहा जाता है, न कि संग्रहालय कहलाने की जगह है।

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