अशोक यादव, लखनऊ : सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने शनिवार को गांधीनगर (गुजरात) स्थित कलोल में देश के पहले नैनो यूरिया (तरल) प्लांट के अवलोकन के साथ साथ उत्पादन की स्थिति से अवगत हुए।
अवलोकन के दौरान सहकारिता मंत्री ने प्लांट के अधिकारियों को कहा कि किसानों की सुविधा के लिए मेजरिंग(मापन) कैप लगाई जाए, जिससे किसानों को पता चल सके कि उन्हें नैनो यूरिया में कितनी मात्रा में पानी मिलाना है।
राठौर ने बताया कि यह प्लांट पूर्ण रूप से ऑटोमैटिक है तथा एक मिनट में आधे लीटर की 150 बोतलों का उत्पादन करता है। उन्होंने कहा कि बताया कि 31 जुलाई 2023 से इस प्लांट में नैनो डीएपी का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा जिससे खाद के लिए हमारी विदेशों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी साथ ही साथ किसानों के लिए खाद की समस्या दूर होगी। उन्होंने कहा कि इससे कृषि उत्पादन, किसानों की आय और उपज की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। जल और वायु के प्रदूषण में कमी होगी तथा इससे किसान सुरक्षित रहेंगे। नैनो यूरिया की आधे लीटर की बोतल किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करने के साथ ही उपज की लागत में कमी से किसान लाभान्वित होंगे।
इस अवसर पर नैनो यूरिया प्लांट कलोल के निदेशक दीपक ईनामदार, वरिष्ठ महाप्रबंधक आर. रमनैया, संयुक्त महाप्रबंधक पी.के. सिंह, मुख्य प्रबंधक मानव संसाधन श्रीमती भावना गर्ग तथा सहायक प्रबंधक श्रीमती श्रुति जोशी मौजूद रहे।