नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. आप की तरफ से संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता राज्यसभा जाएंगे. नाम के ऐलान के बाद कवि और पार्टी नेता कुमार विश्वास का दर्द छलका है. कुमार ने कहा कि मुझे सर्जिकल स्ट्राइक, टिकट वितरण में गड़बड़ी, जेएनयू समेत अन्य मुद्दों पर सच बोलने के लिए मुझे दंडित किया गया है. मैं इस दंड को स्वीकार करता हूं. कुमार ने पत्रकारों से कहा कि मुझे डेढ़ साल पहले अरविंद ने बुलाकार कहा था कि सर जी आपको मारेंगे लेकिन शहीद नहीं होने देंगे.मैं उनका बधाई देता हूं और अपनी शहादत को स्वीकार करता हूं. उन्होंने कहा कि युद्ध का भी एक छोटा नियम होता है कि शहीदों के शव से छेड़छाड़ नहीं की जाती.
उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि अरविंद से बिना पूछे हमारे दल में कुछ होता नहीं है. मैं उनसे कहना चाहूंगा कि वह अपने विधायकों और नेता से कहें कि ट्वीट या किसी अन्य माध्यम से शहीद के शव के साथ छेड़छाड़ ना करें. नहीं तो ये युद्ध के नियमों के विपरीत होगा. कुमार विश्वास ने कहा कि अरविंद और मेरी बीच सर्जिकल स्ट्राइक, अंतरिक भ्रष्टाचार को लेकर आंख फेरना हो, पंजाब में अतिवादियों के प्रति सॉफ्ट रहना हो, चाहे टिकट वितरणों में गड़बड़ियां मिली हो, कार्यकर्ता की उपेक्षा हो, चाहे सैनिक का विषय हो या जेएनयू का विषय हो मैंने जितने सच कहे उसका पुरस्कार मुझे दंड स्वरूप आज दिया गया है, जिसका मैं स्वयं के लिए आभार प्रकट करता हूं.
उन्होंने कहा कि मैं नैतिक रूप में मानता हूं कि ये एक कवि, एक मित्र की और सच्चे आंदोलनकारी की जीत है. साथ ही मैं पिछले 40 वर्ष से मनीष के साथ काम कर रहा हूं और 12 साल से अरविंद के साथ काम कर रहा हूं सात साल से कार्यर्ताओं के लिए और पांच साल से आम आदमी पार्टी के लिए काम कर रहा हूं.
कुमार ने राज्यसभा की टिकट पाने वाले उम्मीदवारों पर तंज कसते हुए कहा कि हर विधायक के लिए रैलियां करके और ट्वीट कर करके, मीडिया में बहस करके जिन्होंने आज पार्टी को खड़ा किया था. ऐसा महान क्रांतिकारी सुशील गुप्ता पार्टी ने चुना है. इसके लिए अरविंद को बधाई देता हूं. कार्यकर्ताओं को लख-लख बधाई देता हूं कि आखिरकार आपकी बात सुनी गई.
उन्होंने कहा कि ऐसे ही दूसरे गुप्ता जी को पार्टी ने टिकट दिया, जिन्होंने कार्यर्ताओं और विधायकों के लिए बहुत काम किया है. कुमार ने कहा कि देशभर में जो लाखों कार्यकर्ता मुझसे से स्नेह रखते हैं मैं उनका आभार प्रकट करता हूं. उन्होंने कहा कि सबको लड़ने पड़े अपने-अपने युद्ध, चाहे राजा राम हो या फिर गौतम बुद्ध. सबकी लड़ाईयां अकेली हैं. मैं अपनी लड़ाई लड़ रहा हू और आप अपनी लड़ाई लड़ें.