अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सहयोगियों के साथ गुरुवार को राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन किया। इस मौके पर उन्होंने केंद्र सरकार को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की। इससे पहले उन्होंने हनुमानगढ़ी में भी माथा टेका।
रामलला के दर्शन के उपरांत उन्होंने आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि हमारी लड़ाई जमीन बचाने की है और सरकार में कोई सुनवाई नहीं हो रही तो रामलला से गुहार लगाने आए हैं। उन्होंने कहा कि हम भी सूर्यवंशी हैं। रामलला हमारे पूर्वज हैं। उनका मंदिर बन रहा है। यह बहुत खुशी की बात है। यहां आकर बहुत अच्छा लगा।
नरेश टिकैत बस्ती में आयोजित किसान महापंचायत में हिस्सा लेने जा रहे थे। इसके चलते वह बुधवार की देर शाम ही यहां पहुंच गए और रात्रि विश्राम के बाद सुबह दर्शन-पूजन कर अपने गंतव्य पर आगे बढ़ गए। इसके पहले पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ आंदोलन को तीन महीने तीन दिन हो गए हैं लेकिन सरकार जानबूझकर कर मामले को लंबा खींच रही है, जिससे आंदोलन प्रभावित हो लेकिन हम डटे रहेंगे। उन्होंने कहा कि बिना मांग पूरी हुए हम किसानों के बीच किस मुंह से जाएंगे। हमारे आह्वान पर बूढ़े-बुजुर्ग किसान दिन-रात आंदोलन में शरीक हुए। उन्हें हम कैसे छोड़ सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की कथनी-करनी में बहुत अंदर है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसान-मजदूरों की विरोधी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में किसानों के विरोध का प्रभाव दिखाई पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन देशव्यापी होता जा रहा है। हम किसी पार्टी के समर्थक नहीं हैं।
किसान संगठन अराजनैतिक है लेकिन हम सभी बंगाल विधानसभा चुनाव से लेकर दूसरे राज्यों में भी जाएंगे और जनता के बीच भाजपा सरकारों का कच्चा-चिट्ठा खोलेंगे। उन्होंने कहा कि हम जनता से अपील करेंगे कि किसी भी पार्टी को वोट दे देना लेकिन भाजपा को मत देना। उन्होंने कहा कि भाजपा किसान आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रही है। मुकदमे का भय दिखाया जा रहा लेकिन वह कामयाब नहीं होंगे।