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सरकार ने सभी बैंकों के एटीएम से संबंधित नियमों को बदल दिया है.जाने कौन से है वो नियम

ATM के नये नियमानुसार सरकार ने कहा  कि शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं भरा जाएगा

लखनऊ : सरकार ने सभी बैंकों के एटीएम से संबंधित नियमों को बदल दिया है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में पुराने कई नियमों में बदलाव के लिए कहा गया है. ऐसे कैश वैन और उसमें तैनात स्टॉफ की सुरक्षा के लिए किया गया है. पिछले कुछ सालों में कैश वैन से नगदी लुटने औ र अलग-अलग प्रकार की वारदातों के सामने आने के बाद ये बदलाव किए गए हैं.

सरकार ने सभी बैंकों के एटीएम से संबंधित नियमों को बदल दिया है. सरकार की तरफ से जारी आदेश में पुराने कई नियमों में बदलाव के लिए कहा गया है. ऐसे कैश वैन और उसमें तैनात स्टॉफ की सुरक्षा के लिए किया गया है. पिछले कुछ सालों में कैश वैन से नगदी लुटने और अलग-अलग प्रकार की वारदातों के सामने आने के बाद ये बदलाव किए गए हैं.

 

शहरी इलाकों में  रात 9 बजे के बाद नहीं भरा जाएगा कैश
एटीएम से संबंधि नियमों को जारी करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि शहरी इलाकों में रात 9 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं भरा जाएगा. सुरक्षा के मद्देनजर यह भी कहा गया कि एक कैश वैन में सिंगल ट्रिप में 5 करोड़ से अधिक नहीं रहेंगे. साथ ही कैश वैन पर तैनात कर्मियों को किसी भी प्रकार के हमले, अपराधियों के वाहनों का पीछा करने और अन्य खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

तय समय सीमा के अंदर भरा जाएगा कैश
एटीएम और कैश वैन से जुड़े आदेश में कहा गया कि कैश ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े सभी कर्मचारियों की बैक ग्राउंड की जांच के लिए उनका आधार वेरिफिकेशन कराना जरूरी होगा. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा की दृष्टि से शाम 6 बजे के बाद किसी भी एटीएम में कैश नहीं भरा जाएगा. इसके अलावा एक ATM में लोड करने के लिए कैश को पिछले दिन या दिन की शुरुआत में बैंक से कलेक्ट किया जाएगा. इस बदलाव के पीछे कैश भरने का काम तय समयसीमा से पहले करने का मकसद है.

कैशवैन में सुरक्षा के मद्देनजर सिक्योरिटी अलार्म और मोटराइज्ड सायरन लगेंगे
सभी कैशवैन में सुरक्षा के मद्देनजर जीएसएम आधारित ऑटो-डायलर के साथ सिक्योरिटी अलार्म और मोटराइज्ड सायरन लगाए जाएंगे. कैश वैन में अब सीसीटीवी, लाइव जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम और बंदूकों के साथ कम से कम दो सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. सुरक्षाकर्मियों की बंदूकों से दो साल में कम से कम एक बार टेस्ट फायरिंग की जाएगी. बंदूकों की बुलेट हर दो साल में बदली जाएगी. कैश ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा. कर्मचारियों को ऐसा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा जिसमें किसी मुश्किल की स्थिति से कैशवैन को सुरक्षित कैसे निकाला जाए.

नक्सली प्रभावित  क्षेत्रों में शाम 4 बजे के बाद कैश नहीं डलेगा
गाइडलाइन के अनुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शाम 4 बजे के बाद एटीएम में कैश नहीं डाला जाएगा. मौजूदा समय में करीब 8 हजार प्राइवेट वैन प्रतिदिन करीब 15 हजार करोड़ रुपये बैंक, करेंसी चेस्ट और एटीएम में डालती हैं. अभी कैशवैन में कैश और पैंसेजर कंपार्टमेंट के बीच मजबूत लॉक लगा हुआ होता है. कैश कंपार्टमेंट में स्टील का मजबूत दरवाजा होता है. इसका दरवाजा अंदर की तरफ मैन्युअली या इलेक्ट्रिकली खुलता है.

 

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