नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक कारों को प्रमोट करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने फेम-2 यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स को मंजूरी दे दी है जिसके तहत सरकार ने सब्सिडी की राशि 5500 करोड़ रुपए से बढ़ा कर 10 हजार करोड़ कर दी है। फेम-2 स्कीम में महानगरों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों, स्मार्ट सिटी और देशभर के पहाड़ी राज्यों के शहरों में लगभग 2,700 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। वहीं प्रमुख राजमार्गों (हाइवे) पर लगभग 25 किमी के बाद चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे कार के अलावा टू-व्हीलर, थ्री व्हीलर और बसों पर भी सब्सिडी दी जाएगी। फेम-टू स्कीम के तहत सब्सिडी की राशि 60 लाख रुपए तक हो सकती है।
फेम-2 के दूसरे चरण की अवधि तीन वर्षों की होगी, जिसकी शुरूआत एक अप्रैल 2019 से होगी। फेम स्कीम की शुरूआत एक अप्रैल 2015 से हुई थी और उसके लिये 895 करोड़ रुपए आवंटित हुए थे। सरकार चाहती है कि देश में न केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा मिले बल्कि सार्वजनिक परिवहन की सुविधाओं के लिए अधिक से अधिक ई व्हीकल्स का ही उपयोग हो। स्कीम के तहत 55000 इलेक्ट्रिक कारों पर 2.5 लाख रुपए तक, 20 हजार हाइब्रिड कारों को 20 हजार रुपए तक की सब्सिडी दी जाएगी। स्कीम में 10 लाख दो पहिया वाहन, 5 लाख थ्ती व्हीलर और 7 हजार बसों पर सब्सिडी दी जाएगी।
स्कीम में अडवांस टेक्नॉलजी को प्रोत्साहित करने के लिए इंसेंटिव का फायदा उन्हीं वाहनों पर मिलेगा, जिनमें लिथियम-आयन और अन्य नई टेक्नॉलजी की बैटरी होगी वहीं सरकार ने यह भी साफ किया है कि यह सब्सिडी राशि केवल टैक्सी के तौर पर पैसेंजर इलैक्ट्रिक कारों पर ही मिलेगी। प्राइवेट उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक कारों पर यह सब्सिडी नहीं मिलेगी। इस योजना में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के इलेक्ट्रिफिकेशन पर जोर दिया गया है, जिसमें शेयर्ड ट्रांसपोर्ट भी शामिल है। जबकि इलेक्ट्रिक टू-वीलर सेगमेंट में प्राइवेट वीइकल्स पर फोकस होगा। इस योजना के तहत जिन इलेक्ट्रिक कारों वाहनों की एक्स-शोरूम कीमत 15 लाख रुपए है, वे सब्सिडी के लिए मान्य होंगे वहीं इसमें एक और शर्त है कि सब्सिडी बैटरी कैपेसिटी (साइज) के मुताबिक मिलेगी।जिसके तहत सभी वाहनों के लिए 10 हजार रुपए प्रति मी0 और बसों के लिए 20 हजार रुपए प्रति होगी।