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सरकारी तंत्र ने बिगाड़ी अमीनाबाद की सूरत, जनविकास महासभा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर हालातों की देगी जानकारी

लखनऊ। शहर के प्रमुख बाजारों में एक अमीनाबाद की सूरत बेहद खराब हो चुकी है, इसके लिये अगर कोई जिम्मेदार है, तो वह प्रशासन है। जी हां यह पूरी तरह सच है। अमीनाबाद बाजार को अतिक्रमण के जाल में उलझाने में पुलिस विभाग, बिजली डिपार्टमेंट, लखनऊ विकास प्राधिकरण या फिर नगर प्रशासन हो, हर कोई इसके लिये पूरी तरह जिम्मेदार है। यानी सरकारी तंत्र ने अमीनाबाद की सूरत को पूरी तरह से बिगाड़कर रख दिया है। अमीनाबाद के मौजूदा हालात को लेकर जनविकास महासभा शहर को स्मॉर्टसिटी बनाये जाने पर सवाल खड़ा करते हुये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन देने जा रही है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पंकज तिवारी ने बताया कि अमीनाबाद ही नहीं बल्कि ऐसी स्थिति कमोबेश पूरे शहर की है।

श्री तिवारी ने बताया कि अमीनाबाद बाजार की सूरत को बिगाड़ने में विभिन्न सरकारी विभागों में सबसे पहले बात करें पुलिस विभाग की तो उसने बीते कई वर्ष पूर्व अमीनाबाद पुलिस चैकी सड़क पर ही बना ली और इसका नतीजा यह हुआ कि ठीक बगल में बिजली विभाग ने भी चार कदम आगे चलते हुये चौकी की आड़ में एक अच्छा खासा हिस्सा तार से घेर लिया और बिजली विभाग के उपयोगी एवं अनुपयोगी सामानों का खुला गोदाम बना लिया। बात यहीं खत्म नहीं हुयी पुलिस चौकी की आड़ का नतीजा यह हुआ कि बीते वर्ष दिसम्बर एक और पक्का निर्माण प्रशासन की ओर से अग्निशमन वाहन खड़ा करने के लिये सड़क पर कर दिया गया, और वह आज भी मूक दर्षक की तरह बना हुआ है। यही नहीं बल्कि पुलिस चौकी के सड़क पर निर्माण के बाद से अतिक्रमणकारियों के बॉछें खिली हुयी है क्योंकि एक तरफ के रास्ते का आवागमन ठप होने से सड़क पर दुकानें लगाने में आसानी हो गयी।

यह स्वरूप झण्डे वाला पार्क के दक्षिणी ओर की सड़क का है। अब बात करिये लखनऊ विकास प्राधिकरण की तो उसने नियामत उल्ला रोड पर बिना पार्किंग के बने व्यवसायिक काम्पलेक्स पर आंखें मूंद रखी है, नतीजा पूरे दिन जाम। इस तरह के व्यवसायिक काम्पलेक्स अमीनाबाद के हर प्रमुख गलियों में बन चुके है। महासभा के अध्यक्ष श्री तिवारी ने क्षेत्र के पार्को को लेकर कहा कि कभी अमीनाबाद बाजार में खरीदारी करने आने वाले यहां मौजूद पार्कों का भी आनन्द उठाते थे, लेकिन आज स्थिति बिल्कुल उलट है। क्षेत्र में प्रमुख पार्को में झण्डे वाला पार्क, घण्टाघर पार्क, गूंगे नवाब पार्क और जनाना पार्क है, लेकिन इनकी स्थिति अब ऐसी नहीं रही कि लोग यहा टहल घूम सके। घंटाघर पार्क के बारे में तो कहना ही क्या, इस पार्क में हनुमान मन्दिर सहित लगभग आधा दर्जन मन्दिर, घंटाघर, फव्वारा बना हुआ है। घंटाघर सालों से जर्जर है, फव्वारा बंद पड़ा है, धार्मिक स्थलों के आड़ में व्यवसायिक कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।

शाम ढलते ही नशेडियों के झुण्ड लग जाते है। वहां के आसपास के लोगों की माने तो जर्जर घंटाघर के अन्दर अनैतिक कार्य होना आम बात है। स्मॉर्टसिटी में शामिल लखनऊ शहर में अमीनाबाद क्षेत्र में रह गया नियामत उल्ला रोड महिला विद्यालय के पीछे बाउण्ड्रीवॉल से लगे कूड़ाघर का कोई समाधान न होने के कारण आसपास क्षेत्र और महिला विद्यालय के छात्रावास में रह रही छात्राओं को प्रदूषण से अक्सर दो चार होना पड़ता है। एक तो प्रतिदिन पूरी तरह कूड़ा उठता नहीं और ऊपर महीने में अधिक दिन कूड़े में बराबर आग जलती रहती है। बताया जाता है कि शहर की सफाई व्यवस्था में लगी ईको ग्रीन इसे हटाकर अमीनाबाद में कॉम्पैक्ट मशीन लगाने की तैयारी में था, लेकिन कम्पनी ने अभी तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अमीनाबाद क्षेत्र में एकमात्र ऐसा कूड़ाघर है जो एक बड़े हिस्से का सारा कूड़ा यहां आता है। कभी-कभी स्थिति यह हो जाती है कि पूरा रास्ता कूड़े के ढेरों से बंद हो जाता है, जबकि यह रास्ता काफी व्यस्त है।

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