ये घटनाएं क्यों हो रही है ये अभी किसी के समझ में नहीं आ रही लेकिन प्रथमदृष्ट्या तो लगता है कि समाज में घटते संस्कार और बढ़ती आधुनिकता के कारण ही बच्चे इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। देश में इस समय नाबालिग बच्चे अपने ही रिश्तेदारों और माँ बाप का खून करने में तनिक भी संकोच नहीं कर रहे हैं। जिसमें इंटरनेट प्रवृति का हावी होना भी बड़ा कारन बनता जा रहा है।
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में ७ साल के बच्चे की हत्या में भी उसी स्कूल के ११वी के छात्र को सीबीआई ने आरोपी बनाया है तो वही ग्रेटर नॉएडा में अभी ४ दिन पहले माँ बेटी की हत्या में आज सुबह मृतका के १५ वर्षीय बेटे ने अपराध कबूल कर लिया है। बेटे को यूपी के वाराणसी से गिराफ्तार किया गया।
बेटे ने बताया है कि परिजन पढ़ाई के लिए उस पर दबाव बनाते थे। मोबाइल पर जब भी वह गेम खेलता था तो डांटते थे। इसीलिए उसने यह कदम उठाया।
गौर सिटी सोसायटी-दो में सौम्य अग्रवाल अपने परिवार के साथ रहते हैं। चार दिसंबर की रात सौम्य की पत्नी अंजलि व बेटी मनिकर्णिका की हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद से उनका बेटा गायब था। घटना वाले दिन सौम्य बिजनेस के सिलसिले में बाहर गए थे। जांच में पुलिस ने बाथरूम में बेटे के कपड़े बरामद किए थे, जिस पर खून के निशान थे। साथ ही सीसीटीवी फुटेज में बेटा बैग टांगकर घर से बाहर जाते हुए दिखाई दिया था।
पुलिस यह मानकर चल रही थी कि बेटे ने ही हत्या की घटना को अंजाम दिया है। बेटे के मोबाइल की अंतिम लोकेशन दिल्ली के चांदनी चौक में मिली थी। पुलिस को पता चला कि दिल्ली से ट्रेन पकड़कर वह मुगलसराय चला गया था। वहां से ट्रेन से ही बनारस चला गया था।