लखनऊ: वरिष्ठ समाजवादी नेताराम गोपाल यादव ने ऐलान किया है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व सीएममुलायम सिंह यादव 2019 लोकसभा चुनाव मैनपुरी संसदीय सीट से लड़ेंगे. साथ ही कहा कि चुनाव से पहले किसी भी तरह के गठबंधन पर पार्टी प्रमुख फैसला करेंगे. शनिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, ‘मेरे पाससपा-बसपा गठबंधन की कोई जानकारी नहीं है. केवल पार्टी प्रमुखों को इस बारे में बारे में जानकारी होगी. अखिलेश यादव और मायावती ही इस बारे में एलान कर सकते हैं.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस को गठबंधन से बाहर रखा जाएगा तो यादव ने कहा, ‘आप कल्पनात्मक चीजों के बारे में बात क्यों कर रहे हैं. आप गठबंधन का मतलब समझिए और यहां क्या हो रहा है.’
वहीं दूसरी ओर खबरें हैं किं बीएसपी की प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव इस वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने के करीब पहुंच गए हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी. सपा के सूत्रों ने बताया कि यादव ने प्रस्तावित गठबंधन के अंतिम पहलुओं पर चर्चा करने के लिए मायावती से मुलाकात की. हालांकि, दोनों पार्टियों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन सूत्रों का दावा है कि उत्तर प्रदेश की ये दोनों पार्टियां 37-37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं. सूत्रों ने बताया कि शेष सीटों को कांग्रेस, राष्ट्रीय लोकदल और अन्य छोटी पार्टियों के लिए छोड़ा जायेगा. अगर यह महागठबंधन तैयार होता है तो बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी यह बड़ा झटका होगा. सूत्रों ने बताया कि मायावती ने शनिवार को बीएसपी के संयोजकों की बैठक बुलाई है.
बसपा और सपा जल्द ही अमेठी और रायबरेली के लिए महागठबंधन के प्रत्याशी तय कर सकती हैं. राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को यूपी के महागठबंधन में तीन सीटें दी जाने की संभावना है. अखिलेश यादव और मायावती अमेठी और रायबरेली में प्रत्याशी उतारने के मूड में नही हैं. अमेठी राहुल गांधी का लोकसभा क्षेत्र है जबकि रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद हैं. माना जाता है कि अखिलेश यादव और मायावती की अगले सप्ताह फिर मुलाकात होगी. फिलहाल सीटों के बंटवारे को लेकर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि उत्तर प्रदेश की ये दोनों पार्टियां 37-37 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. 15 जनवरी के बाद सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जा सकता है. यूपा के महगठबंधन में निषाद पार्टी, ओपी राजभर की पार्टी जैसी छोटी पार्टियों को भी शामिल किए जाने की संभावना है.कांग्रेस को इस महागठबंधन में शामिल नहीं किया गया है.