लखनऊ/तिरुवनंतपुरम : केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर शुरू हुआ विवाद लगातार जारी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद महिलाओं के प्रवेश को लेकर जारी विवाद के बीच मुख्य पुजारी कंदारू राजीवारू ने 10-50 वर्ष की महिलाओं से सन्निधानम नहीं आने और समस्या नहीं पैदा करने की अपील की है। हालांकि इस दौरान कंदारू ने उन खबरों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया है कि पूजा अर्चना के लिए एक विशेष आयु वर्ग की महिलाओं के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने पर इस मंदिर को तंत्री परिवार द्वारा बंद कर देने की योजना है। उधर, दूसरे दिन गुरुवार को भी केरल में तनाव बना रहा। राज्य में कथित तौर पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हमले के खिलाफ बंद रखा गया।
मुख्य पुजारी ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लेकिन, श्रद्धालुओं की भावनाओं और मंदिर की परंपरा एवं रीति रिवाज पर विचार करते हुए मैं आपसे (युवतियों से) सबरीमाला नहीं आने का विनम्र अनुरोध करता हूं।’
इस दौरान राजीवारू ने हर किसी से यह अनुरोध किया कि वे मंदिर परिसर को रणक्षेत्र में तब्दील नहीं करें। उधर, पलक्कड जिले के वीएन वासुदेवन नंबूदरी को सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर का अगले एक साल के लिए नया मुख्य पुजारी चुना गया है। वह फिलहाल बेंगलुरु में अयप्पा मंदिर में पुजारी के तौर पर सेवा दे रहे हैं। चेंगन्नूर के रहने वाले एमएन नारायणन नंबूदरी मलिकाप्पुरम मंदिर के नए पुजारी होंगे। दोनों पुजारी 17 नवंबर से अपना कामकाज संभालेंगे।
महिला पत्रकार को लौटने पर किया मजबूर
भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ रही दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते से ही लौटने के लिए मजबूर कर दिया। भीड़ ने उन पर पत्थर भी फेंके। अपने एक विदेशी पुरुष सहकर्मी के साथ मंदिर जा रही महिला पत्रकार को अयप्पा श्रद्धालुओं के बढ़ते विरोध प्रदर्शन के चलते मारक्कोट्टम से ही उतरना पड़ गया। फिलहाल पुलिस ने उन श्रद्धालुओं के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने उन्हें पहाड़ी पर चढ़ने से कथित तौर पर रोक दिया। हालांकि पुलिस ने महिला पत्रकार और उसके सहकर्मी के आसपास सुरक्षा घेरा बनाया हुआ था। पुलिस का कहना है कि उन्होंने महिला पत्रकार से उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही, लेकिन उन्होंने पहाड़ी पर आगे जाने से इनकार कर दिया।