इटावा। महेवा विकास खंड में संचालित परिशदीय स्कूलों में ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात सफाई कर्मी न आने से स्कूलों में कहीं बच्चों को तो कहीं स्कूल में शिक्षक को झाड़ू लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि परिषदीय स्कूलों की साफ सफाई का जिम्मा ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारियों का है। ग्रीष्मावकाश के बाद परिषदीय स्कूलों के खुले एक सप्ताह हो चुका है। इसके बावजूद ग्राम पंचायत स्तर पर तैनात सफाईकर्मी अधिकतर परिषदीय स्कूलों में सफाई करने नहीं पंहुचे हैं। मजबूरन स्कूलों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को विद्यालय की सफाई करनी पड़ रही है तो कहीं शिक्षक हाथ में झाड़ू थामे सफाई करते नजर आ रहे हैं। भले ही सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी हो लेकिन शिक्षक बच्चों के हाथ में झाड़ू थमाने से नहीं हिचक रहे हैं।
सरकारी प्राथमिक बालक विद्यालय टकरुपुरा में बच्चे झाड़ू लगाते मिले। बच्चों का कहना था कि उन्हें ग्रीष्मावकाश से पूर्व भी स्कूल में झाड़ू लगानी पड़ती थी, उसके बाद ही पढ़ाई शुरू होती है। अगर झाड़ू नहीं लगाते तो शिक्षक नाराज होते हैं। जब इस संबंध में शिक्षकों से बात की गई तो उनका कहना था कि सफाई कर्मी न आने से उन्हें मजबूरन बच्चों से झाड़ू लगवाना पड़ती है। अब झाड़ू बच्चे लगाएं या स्वयं शिक्षक। ग्राम पंचायत के मजरा नगला शिव सिंह में सफाई कर्मी न आने से संकुल प्रभारी श्याम प्रकाश त्रिपाठी स्कूल की सफाई करते नजर आए। उनका कहना था कि ग्रीष्मावकाश के बाद की तो बात छोड़ो उनकी न्याय पंचायत के एक भी परिषदीय विद्यालय में सफाईकर्मी के दर्शन नहीं हुए हैं।
ग्राम विधीपुरा स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक अपने सहयोगी शिक्षक पंकज के साथ सफाई करते नजर आए। बाउंड्रीवाल न होने से ग्रामीण अपने पशु स्कूल परिसर में ही बांध जाते हैं जिससे स्कूल में गंदगी फैलती है। इस संबंध में वह विभाग में कई बार शिकायत कर चुके हैं मगर समस्या का हल नहीं हुआ। दाऊदपुरा, सब्दलपुर, ईकरी, बसैयाहार सहित दर्जनों स्कूलों में शिक्षक या छात्र-छात्राएं झाड़ू लगाने को मजबूर हैं। झाड़ू लगाने के दबाव से अधिकतर बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है। टकरुपुरा प्राथमिक विद्यालय में बच्चों की संख्या तीन दर्जन होने के बावजूद स्कूल में पढ़ने के लिए सिर्फ दस-बारह बच्चे ही आते हैं। ऐसी स्थिति क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों की है। बीआरसी समन्वयक संजय द्विवेदी ने बताया कि इस समस्या से शिक्षकों को निजात दिलाने के लिए खंड विकास अधिकारी से जल्द ही संपर्क किया जाएगा।