अहमदाबाद / लखनऊ : पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि ‘सच, किसानों, युवाओं और गरीबों’ के लिए लड़ने वाली उनकी आवाज को भाजपा की ‘हिटलरशाही’ नहीं दबा पाएगी. गुजरात के मेहसाणा जिले के विसनगर की एक सत्र अदालत के न्यायाधीश वीपी अग्रवाल ने हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों लालजी पटेल और एके पटेल को दंगा भड़काने, आगजनी करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने के मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया. उन तीनों को उसी अदालत से जमानत मिल गई.हार्दिक ने कहा कि वह अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने से भयभीत नहीं हैं, क्योंकि वह पहले ही सर पर कफन बांध चुके हैं. सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई कर रहे 25 वर्षीय हार्दिक पर राजद्रोह सहित कई आरोपों में मामले दर्ज हैं. हार्दिक ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘मेरी फितरत में है जालिमों से मुकाबला करना और हक के लिए लड़ना. जितना दबाओगे उतना ही चुनौती बन के उभरूंगा.’
इस संबंध में जुलाई 2015 में हार्दिक पटेल सहित 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. अदालत ने साक्ष्य के अभाव में 14 आरोपियों के बरी कर दिया. अदालत के फैसले के तुरंत बाद हार्दिक ने ट्वीट किया, ‘सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह हैं तो हां मैं गुनहगार हूं. सत्य और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला अगर बागी है तो हां मैं बागी हूं. सलाखों के पीछे सत्य, किसान, युवा और गरीबों के लिए लड़ने वाली मेरी आवाज को भाजपा की हिटलरशाही सत्ता नहीं दबा सकती.