सचिन तेंदुलकर ने वनडे करियर में 340 बार ओपनिंग की है, लेकिन क्या आपको पता है कि क्रिकेट के भगवान कहलाए जाने वाले तेंदुलकर को भी टीम में अपनी पसंदीदा पायदान पर खेलने के लिए विनती करनी पड़ी थी। दुनिया के बेहतरीन ओपनर सचिन तेंदुलकर ने अरसे बाद इस राज से पर्दा उठाया है। 90 के मध्य दौर में विकेट बचाने की रणनीति हुआ करती थी। सचिन ने थोड़ा अलग करने का प्रयास किया, आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए गेंदबाजों पर दबाव बनाने की रणनीति काम कर गई। अगर वह शुरुआती दौर में बतौर ओपनर नाकामयाब हो जाते तो शायद फिर कभी ओपनिंग करते हुए नहीं दिखते। सचिन तेंदुलकर ने जब 1994 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ओपनिंग की, तब टीम के कप्तान अजहरुद्दीन और कोच अजीत वाडेकर थे। सचिन ने वाडेकर से कहा था कि उन्हें ओपनिंग करने का मौका दिया जाए। अगर वे नाकाम रहे तो फिर दोबारा ओपनिंग करने की बात नहीं करेंगे। सचिन ने अपने पहले मैच में नवजोत सिंह सिद्धू की जगह ओपनिंग की थी। सिद्धू चोट के कारण उस मैच में नहीं खेले थे, इससे टीम में एक ही स्पेशलिस्ट ओपनर अजय जडेजा बचे। सचिन तेंदुलकर, जडेजा के साथ ही ओपनिंग करने उतरे थे। बतौर ओपनर अपने पहले मैच में उन्होंने 49 गेंदों पर 82 रन बनाए थे, इसलिए उन्हें दोबारा यह नहीं पूछना पड़ा कि क्या ओपनिंग करने का मौका मिलेगा। तब सब लोग इस बात पर सहमत हो चुके थे कि सचिन को ओपनिंग करनी चाहिए।
सचिन तेंदुलकर ने अरसे बाद इस राज से उठाया पर्दा जब करनी पड़ी थीं कोच-कप्तान से मिन्नतें
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