बीजिंग: सऊदी अरब के क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान एशिया दौरे के अगले पड़ाव दौरान गुरुवार को चीन पहुंचे। इस यात्रा का मकसद इस महाद्वीप पर सऊदी अरब के साम्राज्य के प्रभाव को बढ़ाना है। भारत और पाकिस्तान की यात्रा के बाद सलमान सुबह चीन पहुंचे। उनका शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति और सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के नेता शी जिनपिंग समेत अधिकारियों से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। इससे चीन के शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता और उसके निर्यातकों के लिए एक बाजार के तौर पर सऊदी अरब की महत्ता का पता चलता है।
समाचार एजेंसी के अनुसार, उनकी यात्रा से पहले इस सप्ताह के चिर प्रतिद्वंद्वी ईरान के उच्चाधिकार प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग की यात्रा की। बुधवार को हुई मुलाकात में शी ने ईरानी संसद के अध्यक्ष अली लारीजानी से कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति के बावजूद ईरान के साथ व्यापक कूटनीतिक साझेदारी विकसित करने का चीन का संकल्प अपरिर्वितत रहेगा। सऊदी अरब के युवराज की यात्रा इस्तांबुल में सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद बढ़े दबाव के पांच महीने बाद हो रही है।
दूसरी तरफ चीन मुस्लिम अल्पसंख्यक समूहों के साथ अपने व्यवहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना कर रहा है। सऊदी अरब के युवराज की यात्रा पर बुधवार को टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचा और अंतरिक्ष उपग्रहों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फलदायी नतीजों के साथ हमारे सहयोग में सकारात्मक गति देखी गई। गेंग ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस यात्रा के जरिए हम अपने रिश्ते, परस्पर विश्वास, गहरा सहयोग बढ़ाएंगे और अपने द्विपक्षीय रिश्तों में गति लाएंगे।’’