पाकुड़ : संथाल परगना की आदिवासी महिलाओं को लंबे अरसे तक गुमराह किया गया. हम उनके सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं. हम समाज के विकास के लिए काम करेंगे. पाकुड़ परिसदन में रोशनी सखी मंडल ग्रुप की महिलाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर अच्छा लगा कि वे कपड़े का बैग बनाकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं. उन्होंने सखी मंडलों से कहा कि वे अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करें, सरकार अपनी जिम्मेवारी निभायेगी.उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके सशक्तिकरण के लिए जो काम किया है, वह अब नजर आ रहा है. वर्ष 2014 तक राज्य में 43 हजार सखी मंडल का गठन हुआ था, वर्ष 2019 में यह 2 लाख 17 से अधिक हो गया है. 28 लाख से अधिक महिलाएं इन मंडलों से जुड़ चुकी हैं. यह सब महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है.मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने स्वार्थवश संथाल परगना की महिलाओं और पुरुषों को गुमराह कर इस क्षेत्र को विकास में पीछे छोड़ दिया. अब विकास का युग है. आप गुमराह हुए जन-जन तक पहुंचें और सरकार की विकासपरक मंशा, नीति और नीयत की जानकारी दें. जब गांव का एक-एक व्यक्ति जागेगा और विकास का महत्व समझेगा, तभी देश, राज्य, समाज और परिवार का विकास व आर्थिक उन्नयन संभव होगा. इसलिए अपने-अपने हिस्से की जिम्मेवारी का निर्वहन हम सभी को करना चाहिए.
संथाल परगना की आदिवासी महिलाओं को किया गया गुमराह, हम मिलकर विकास के लिए काम करेंगे: रघुवर दास
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