ब्रेकिंग:

श्रीहरिकोटा से GSAT-1 उपग्रह का प्रक्षेपण 12 अगस्त को, देश की सीमाओं की निगरानी में मिलेगी मदद

अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 12 अगस्त को जीएसएलवी-एफ 10 रॉकेट के जरिए जियो इमैजिंग उपग्रह जीसैट-1 के प्रक्षेपण के साथ (इसरो) श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र में फिर से अपनी प्रक्षेपण गतिविधियां पूरी तरह शुरू करने जा रहा है। कोविड-19 से प्रभावित 2021 में अंतरिक्ष एजेंसी का यह दूसरा प्रक्षेपण होगा।

इसरो ने 28 फरवरी को पीएसएलवी-सी51 का ब्राजील के भू अवलोकन उप्रह एमेजॉनिया-1 और 18 अन्य उपग्रहों के साथ सफल प्रक्षेपण किया था, जिनमें से कुछ उपग्रह छात्रों द्वारा निर्मित थे। जीसैट-1 का प्रक्षेपण मूल रूप से आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले से पांच मार्च को होने वाला था, लेकिन तकनीकी कारणों के चलते प्रक्षेपण से ठीक एक दिन पहले इसे निलंबित कर दिया गया था।

इसके बाद 2,268 किग्रा वजन के इस उपग्रह के प्रक्षेपण में कोविड-19 से जुड़े लॉकडाउन लागू होने पर विलंब हो गया। इसके प्रक्षेपण का कार्यक्रम बाद में अप्रैल और फिर मई के लिए बनाया गया था लेकिन देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।

इसरो के एक अधिकारी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया, ”हमने जीएसएलवी- एफ-10 के प्रक्षेपण के लिए 12 अगस्त सुबह पांच बजकर 43 मिनट के लिए अंतरिम योजना बनाई है, जो मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करेगा। ” इसरो के मुताबिक जीसैट-1 आसमान में बादल नहीं रहने पर भारतीय उपमहाद्वीप का वास्तविक समय अवलोकन करने में सहायक होगा।

भू अवकलोकन उपग्रह देश को इसकी सीमाओं पर वास्तविक समय की तस्वीरें लेने में सहायता करेगा और प्राकृतिक आपदाओं की त्वरित निगरानी भी संभव करेगा। अंतरिक्षण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि भू अवलोकन उपग्रह का यह प्रक्षेपण कुछ मायने में भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। अधिकारी ने कहा कि अत्यधिक क्षमता के कैमरे लगे होने से उपग्रह भारतीय भूमि और सागर की निगरानी करेगा, खासतौर पर निरंतर इसकी सीमाओं की।

Loading...

Check Also

रतन टाटा : एक बेमिसाल व्यक्तित्व, वास्तविक भारत रत्न

सूर्योदय भारत समाचार सेवा : सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के ब्रीच …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com