लखनऊ/कोलम्बो : श्रीलंका में मचे राजनीतिक घमासान के बीच पेट्रोलियम मंत्री अर्जुन रणतुंगा को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। श्रीलंका में जारी राजनीतिक संकट के बीच हुई हिंसा के बाद यह पहली गिरफ्तारी है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। राजनीतिक संकट रविवार को उस समय गहरा गया था, जब 54 वर्षीय रणतुंगा के एक अंगरक्षक ने नए प्रधानमंत्री महिन्दा राजपक्षे के समर्थकों पर गोलियां चला दी थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। रणतुंगा पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के वफादार माने जाते हैं।गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया और दो लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस सिलसिले में सीलोन पेट्रोलियम कारपोरेशन (सीपीसी) परिसर से एक सुरक्षाकर्मी को गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस प्रवक्ता रूवान गुनासेकेरा ने कहा है कि क्रिकेटर से राजनेता बने रणतुंगा को उनके परिसर में घटी घटना के बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उनके सुरक्षा स्टाफ द्वारा चलायी गयी गोली से एक कर्मचारी की मौत हो गई थी।
श्रीलंका में चल रहा है संघर्ष
श्रीलंका में राजनीतिक पदों की ताकत भारत से अलग है। भारत में राष्ट्रपति का पद संवैधानिक और प्रतीकात्मक है, लेकिन श्री लंका में राष्ट्रपति की ताकत असीमित होती है। इस टापू देश में कैबिनेट का प्रमुख प्रधानमंत्री हकीकत में राष्ट्रपति के डेप्युटी के तौर पर काम करता है। फिलहाल वहां पर संघर्ष राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच चल रहा है। सिरीसेना और महिंदा राजपक्षे के पास इस वक्त 95 सीट हैं और यह बहुमत से कम है। विक्रमसिंघे के पास 106 सीट हैं और यह बहुमत से सिर्फ 7 सीट कम है।