कोलंबो। श्रीलंका का आर्थिक और राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। सरकार ने एहतियात बरतते हुए 15 जुलाई तक सभी स्कूलों के साथ-साथ चार स्टेट यूनिवर्सिटी को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। वहीं, इस बीच हालात काबू में करने के लिए श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। उधर, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति से तत्काल इस्तीफा देने की अपील की है।
स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने के घर जूम पर हुई नेताओं की बैठक में राष्ट्रपति और पीएम को पद से हटाने की बात रखी गई। श्रीलंका में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि आज पार्टी नेताओं की बैठक में सभी नागरिकों की सुरक्षा समेत सरकार की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने का फैसला लिया गया। मैं इस फैसले को आसान बनाने के लिए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देता हूं।
श्रीलंका में आर्थिक संकट काफी ज्यादा गहराया हुआ है और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे मे देश की संसद को बता दिया है, कि अब श्रीलंका दिवालिया हो चुका है। वहीं, देश में राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन हिंसक हो चुका है और राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारियों के घुसने के बाद राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे भाग चुके हैं।
श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच हो रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन में पूर्व श्रीलंकाई क्रिकेटर सनथ जयसूर्या भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने सड़क पर प्रदर्शनकारियों के साथ अपनी तस्वीरें शेयर की हैं। जयसूर्या ने ट्वीट किया, मैं हमेशा श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा हूं…जल्द ही जीत का जश्न मनाएंगे। यह बिना किसी उल्लंघन के जारी रहना चाहिए।
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा ने कोलंबो में श्रीलंका के राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर जुटे हज़ारों प्रदर्शनकारियों का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। उन्होंने लिखा, यह हमारे भविष्य के लिए है। इससे पहले प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के आधिकारिक आवास में घुस गए थे जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति भवन के पूल में प्रदर्शनकारियों के तैरने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इससे पहले रिपोर्ट्स में कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों द्वारा भवन का घेराव करने के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे फरार हो गए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने तत्काल कैबिनेट बैठक बुलाई है और स्पीकर से संसद बुलाने का अनुरोध किया है।
श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच आंदोलनकारियों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के सरकारी आवास पर कब्जा कर लिया। मीडिया रिपोर्ट्स में राजपक्षे के देश छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के खिलाफ लंबे वक्त से ‘Gota Go Gama’ और ‘Gota Go Home’ आंदोलन जारी है।
सिंहली भाषा में गामा का मतलब गांव होता है। प्रदर्शनकारी एक जगह जमा होकर तंबू लगाते हैं और गाड़ियों के हार्न बजाते हुए राष्ट्रपति और सरकार के खिलाफ गोटा-गो-गामा का नारा बुलंद करते हैं। इनका मकसद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर करना था। श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट के 16 सांसदों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे से तुरंत इस्तीफा देने की अपील की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए हवाई फायर किए। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर से संसद बुलाने का अनुरोध किया। श्रीलंका पुलिस ने देश में बिगड़ते हालात के बीच कई प्रातों में कर्फ्यू लगाया।
श्रीलंका में लोगों को रोजमर्रा से जुड़ी चीजें भी नहीं मिल पा रही हैं या कई गुना महंगी मिल रही हैं। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो चुका है, जिससे वो जरूरी चीजों का भी आयात नहीं कर पा रहा है। सबसे ज्यादा ईंधन की कमी है। पेट्रोल-डीजल के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइनें हैं। विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं।