आगरा। श्रमिकों की समस्याओं को लेकर आयोजित हुई बैठक में श्रमिक नेताओं ने साफ शब्दों में कहा कि केन्द्र सरकार श्रम कानूनों में संशोधन करके श्रमिकों के अधिकारों का हनन कर रही है। इसके लिए अब संघर्ष किया जायेगा, जिससे श्रमिकों के अधिकार सुरक्षित रहें साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सके। ये बैठक लखनउ प्रेस क्लब में उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन एवं भवन निर्माण कर्मकार मजदूर यूनयिन तथा भारतीय ग्रामीण मजदूर कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में हुई। बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय मजदूर कांग्रसे उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने की।
सभा को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष प्रमोद पटेल ने कहा कि राज्य सरकार के कारण भवन निर्माण श्रमिकों का हित लाभ विगत छह माह से श्रम विभाग में रोका गया है, जिससे श्रमिकों में भारी असंतोष व्याप्त है। सभा को संबोधित करते हुए एटक के प्रदेश सचिव चन्द्रशेखर ने कहा कि ठेका श्रमिकों की समस्या बढ़ रही हैं। न्यूनतम मजदूरी का भुगतान न होने तथा नियमितीकरण न होने से श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इंटक के प्रदेश सचिव दिलीप श्रीवास्तव ने कहा कि केन्द्र सरकार श्रम कानूनों में संशोधन करके श्रमिकों के अधिकारों का हनन कर रही है। इंटक की श्रमिक हित में मांग है कि न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रतिमाह निर्धारित किया जाए।
उत्तर प्रदेश ग्रामीण मजदूर संगठन के अध्यक्ष तुलाराम शर्मा ने पुरजोर शब्दों में मांग की कि सभी वर्ग के श्रमिकों की न्यूनतम वेतन आज की महंगाई को देखते हुए इस प्रकार निर्धारित किया जाए, जिससे श्रमिक के परिवार का गुजारा हो सके। ठेेकेदारी प्रथा समाप्त की जाये तथा केन्द्र व राज्य सरकारों के अधीन सभी प्रकार की योजनाओं में कार्यरत श्रमिकों, कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए सबके लिए पेंशन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस सभा में सुरेन्द्र गौतम, हरि सिंह, प्रेमलता, रामपाल बिंद, छत्रपाल, नीलम बौद्ध, बालेन्द्र सिंह, राम प्रसाद बिन्द, राजेश, प्रीति रावत, राजकुमार, बसंत लाल आदि मौजूद रहे।