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श्रमिकों की हड़ताल से जनजीवन अस्त-व्यस्त, पश्चिम बंगाल में स्कूल बस पर पथराव

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की कथित श्रमिक विरोधी, जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ 10 केंद्रीय मजदूर संघों के आह्वान पर आज आयोजित हड़ताल का असर देशभर में देखा गया और औद्योगिक क्षेत्रों में कामकाज नहीं हुआ जबकि बैंकिंग, बीमा, खनन, बिजली, शिक्षा, परिवहन और स्वास्थ्य सेवायें प्रभावित रहीं। प्रारंभिक खबरों के मुताबिक देशभर में बैंकिंग, बीमा, कोयला एवं अन्य खनन, पेट्रोलियम, डाक, दूरसंचार, इंजीनियरिंग, विनिर्माण, इस्पात, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा, जल प्रबंधन, सड़क परिवहन, केंद्र एवं राज्य सरकार कर्मचारी तथा आटो- टैक्सी से जुड़े क्षेत्रों में हड़ताल का असर रहा है। 10 केंद्रीय मजदूर संघ के आह्वान पर आयोजित दो दिवसीय हड़ताल का आज पहला दिन है। इस हड़ताल में आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, एचएमसी, सीआईटीयू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, एसईडब्ल्यूए, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी से जुड़े संगठन शामिल हैं। मजदूर संगठनों ने आठ तथा नौ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आयोजन किया है।

हड़ताल के दौरान पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में उपद्रव की छिटपुट घटनाएं हुईं। उत्तर 24 परगना जिले में बारासात के चंपाडाली इलाके में एक स्कूल बस पर पथराव किया गया और हड़ताल समर्थकों ने एक सरकारी बस में भी तोडफोड़ की। पश्चिम वर्धमान जिले के जमुरिया में प्रदर्शनकारियों ने एक बस में तोडफोड़ की। राज्य के कुछ इलाकों में पुलिस और हड़ताल समर्थकों के बीच हाथापाई भी हुई। दक्षिण कोलकाता के जादवपुर इलाके में वरिष्ठ माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती के साथ कई अन्य हड़ताल समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारी ट्रेनों को रोकने के लिए कुछ स्थानों पर पटरियों पर बैठ गए और सड़कों पर टायर जलाए। माकपा सहित कई राजनीतिक दलों के नेता हड़ताल के समर्थन में सड़कों पर उतर आए। राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने हड़ताल का विरोध किया है। कर्नाटक में दिखा मिलाजुला असर हड़ताल का कर्नाटक में मिलाजुला असर देखने को मिला। कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बसें राज्य में अधिकतर स्थानों पर सड़कों से नदारद रहीं, जिससे लोगों को यात्रा करने के लिए निजी बसों, ऑटो, टैक्सी और मेट्रो का इस्तेमाल करना पड़ा।

मैसूर बेंगलुरु, हुबली-धारवाड़ सहित अन्य स्थानों पर हड़ताल का मिलाजुला असर रहा। कई जिलों में स्कूल और कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई और परीक्षाएं भी रद्द कर दी गईं। मल्लेश्वरम में कुछ असामाजिक तत्वों ने बीएमटीसी की दो बसों पर पथराव भी किया। ऑटो चालकों के अधिक किराया लेने की शिकायतें भी मिलीं। पंजाब में विभिन्न ट्रेड यूनियनों की हड़ताल के समर्थन में मंगलवार को राज्य परिवहन की बसें नहीं चलीं जिसके कारण लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। पंजाब राज्य परिवहन निगम की यूनियन के प्रधान मंगत खान ने बताया कि सरकार परिवहन अधिनियम 1988 में बदलाव करने जा रही है जिसके अनुसार दुर्घटना होने पर बस चालकों को भारी जुर्माना तथा सख्त सजा का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त टूरिस्ट और स्टेज कैरिज परमिट को भी एक समान किया जा रहा है  जिससे रोड़वेज को नुकसान होगा।

मुंबई में बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) के 33,000 से अधिक कर्मी अपनी कई मांगों को लेकर मध्यरात्रि से हड़ताल पर चले गए जिससे शहर में बस सेवा ठप पड़ गई और रोजाना यात्रा करने वाले कम से कम 25 लाख लोग प्रभावित हुए। बेस्ट प्रशासन और एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित किया था। इसके बावजूद कर्मचारी संघ के नेताओं के आह्वान पर र्किमयों ने 27 डिपो में से एक भी बस नहीं निकाली। केरल में आंदोलनकारियों ने तिरुवनंतपुरम और अलप्पुझा सहित विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर रेल सेवाओं को बाधित किया है जिससे जन शताब्दी एक्सप्रेस, राप्तिसागर एक्सप्रेस, वेनाड एक्सप्रेस, धनबाद एक्सप्रेस, एरानद एक्सप्रेस और कई अन्य ट्रेनों के संचालन में बाधा आ गई। यात्रियों को कई जगहों पर भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है क्योंकि निजी बसें, टैक्सी और ऑटोरिक्शा हड़ताल के बाद सड़कों से नदारद हैं।

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