नई दिल्ली: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर-पूर्व सीट से कांग्रेस प्रत्याशी शीला दीक्षित अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गई है। जिसे लेकर महिला आयोग भी उनसे नाराज हो गया है। शीला के अनुसार निर्भया गैंगरेप केस को बहुत बढ़ा चढ़ा कर दिखया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप केस को मीडिया ने संदर्भ से अलग कर पेश किया। उन्होंने कहा कि आज भी निर्भया जैसी तमाम घटनाएं हो रही हैं, लेकिन अखबारों में उन्हें बहुत कम जगह मिलती है।
जब उनसे सवाल किया गया कि दिल्ली में महिला सुरक्षा की स्थिति पर आपकी क्या राय है तो उन्होंने कहा कि जहां तक पुलिस के दखल की बात है, उसमें पूरा रोल केंद्र सरकार का रहता है क्योंकि दिल्ली सरकार एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी तक नहीं लगा सकती है। शीला ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कहा कि मैं इस पर कोई कदम उठाने या योजना के बारे में ऐलान नहीं कर सकती क्योंकि यह मेरे अधिकार क्षेत्र के बाहर की बात है। मैं इस मुद्दे को संसद में जरूर जोरदार ढंग से उठा सकती हूं ।
क्योंकि बतौर सांसद मैं क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करूंगी। वहीं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता को इस बयान के बाद काफी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस बयान को शर्मनाक करार देते हुए कहा कि कोई शंका नहीं है कि क्यों दिल्ली रेप कैपिटल बनती जा रही है। एलजीबीटी अधिकारों के लिए काम करनेवाले हरीश अय्यर ने कहा कि मुझे अफसोस है कि रेप पीड़ितों को ऐसे बयान सुनने पड़ रहे हैं। पार्टी लाइन से हटकर महिला सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दा है। मैं शीला दीक्षित के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।