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शीला दीक्षित की अध्यक्षता में कांग्रेस के नेताओं ने की अरविंद केजरीवाल से मुलाकात, कहा- 6 माह तक दिल्लीवालों को मुफ्त बिजली दे सरकार

दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम का समय बचा है, ऐसे में सभी विपक्षी पार्टियां दिल्ली सरकार को घेरने में लग गई हैं। इसी सिलसिले में बुधवार को शीला दीक्षित की अध्यक्षता में कांग्रेस के नेताओं का एक दल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिला। जानकारी के अनुसार कांग्रेस के ये नेता केजरीवाल के पास दिल्ली की पानी और बिजली की समस्या को लेकर पहुंचे थे। कांग्रेस का कहना है कि दिल्ली सरकार ने बिजली पर जो फिक्स चार्ज लगा रखे हैं उससे इतना पैसा जमा हो चुका है कि दिल्लीवालों को 6 महीने तक बिजली मुफ्त दी जा सकती है। ऐसे में दिल्ली सरकार को सभी को 6 महीने तक मुफ्त बिजली देनी चाहिए।

कांग्रेस की मांग ये भी रही कि दिल्लीवालों को पीने के लिए पर्याप्त और सुचारू रूप से पानी मुहैया कराया जाए। दिल्ली के कई इलाकों में लोग पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं ऐसे में दिल्ली सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। हालांकि इस बैठक का क्या नतीजा निकला यह बात अभी तक सामने नहीं आई है। कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार पर बिजली कंपनियों के जरिये दिल्लवासियों को लूटने का आरोप लगाया है। आरोप है कि बीते डेढ़ साल में लोगों से फिक्स चार्ज के नाम पर बिजली कंपनियों ने 7401 करोड़ रुपये वसूले हैं। पार्टी नेताओं ने मांग की है कि इसके एवज में दिल्ली सरकार को सभी दिल्लीवासियों को छह माह तक मुफ्त में बिजली देना चाहिए।

पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली सरकार ने उनकी मांगें नहीं माने तो कांग्रेस आंदोलन करेगी। शनिवार को पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा था कि अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्लीवालों पर अप्रत्यक्ष रुप से बिजली के बिलों में फिक्स चार्ज और पेन्शन फंड के नाम पर अनावश्यक खर्चे का बोझ डाल रही है। इससे बिजली वितरण कंपनियों को लूट की खुली छूट मिल गई है। दिल्ली सरकार ने पहले आम नागरिकों व किरायेदारों की सहूलियत के नाम पर लाखों बिजली के नए मीटर लगवाए। फिर, बिजली के फिक्स चार्ज बढ़ाकर हजारों करोड़ रुपये की वसूली की। दूसरी तरफ हारुन यूसुफ ने कहा कि पिछले करीब डेढ़ साल में तीनों बिजली कंपनियों ने दिल्लीवालों से फिक्स चार्ज के नाम 7,401 करोड़ रुपये वसूले हैं।

उन्होंने मांग की कि इसके एवज में दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों का 6 महीने का बिजली बिल माफ करे। यूसुफ ने जोर देकर कहा कि यह आरोप नहीं, डीईआरसी की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के आधार पर कही गई बात है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि बिजली के मामले में शीला दीक्षित की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल केजरीवाल से मुलाकात करेगा। अगर सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो कांग्रेस बिजली उपभोक्ताओं के हक की रक्षा करने के लिए सड़क पर उतरेगी। दिल्ली में अपनी खोई सियासी जमीन वापस लाने की कोशिश में प्रदेश कांग्रेस ने जुट गई है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी दिल्ली में बिजली बिल माफी की बात रख सकती है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने दिल्ली सरकार के मुफ्त यात्रा कराने की योजना की काट के लिए यह रणनीति अपनाई है। हारून यूसुफ के मुताबिक 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक बीवाईपीएल ने फिक्स चार्ज के नाम पर 1,139 करोड़ रुपये, बीआरपीएल ने 2096 करोड़ व टीपीडीडीएल ने 1,474 करोड़ रुपये वसूले हैं। अगर इसी दर से इसमें 31 जुलाई तक का हिसाब जोड़ा जाए तो यह रकम 1,569 करोड़ रुपये बैठती है। इस तरह कुल फिक्स चार्ज 6,278 करोड़ रुपये हो गया। इसके ऊपर 16.3 फीसदी की दर से पेंशन फंड के नाम पर 1,023 करोड़ रुपये लिए गए हैं। इससे कुल रकम 7,401 करोड़ रुपये की है। हारुन यूसुफ का दावा है कि सारे आंकड़े डीईआरसी की वेबसाइट पर मौजूद हैं।

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