पटना। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में अब आर-पार की स्थिति आ गई है। नीतीश कुमार गुट ने एक अहम चाल चलते हुए बागी शरद यादव को ठिकाने लगाने की कोशिश की है। उन्हें राज्य सभा में पार्टी संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया है। राज्यसभा में जदयू के सांसदों ने आज (12 अगस्त को) सभापति वेंकैया नायडू से मिलकर आरसीपी सिंह को सदन में पार्टी का नया नेता बनाने का आधिकारिक पत्र सौंपा। राज्य सभा सभापति को लिखे पत्र में जदयू सांसदों ने कहा है कि उनलोगों ने सर्वसम्मति से आरसीपी सिंह को सदन में पार्टी का नया नेता चुना है। जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मीडिया को इसकी जानकारी दी। इससे एक दिन पहले शरद यादव के करीबी राज्य सभा सांसद अली अनवर को नीतीश खेमे ने पार्टी के संसदीय दल से निलंबित कर दिया था।
इधर, पार्टी में चल रहे आंतरिक कलह पर पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार (11 अगस्त) को अपनी चुप्पी तोड़ी। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के पहले उन्होंने कहा, ‘शरद यादव अपना फैसला लेने के लिए आजाद हैं। वह अपनी राह चुनने के लिए स्वतंत्र हैं। वह किसके प्रति वफादार रहना चाहते हैं, इसका फैसला खुद कर सकते हैं। भाजपा के साथ गठबंधन का फैसला पूरी पार्टी की सहमति से लिया गया है।’
नीतीश कुमार ने 19 अगस्त को पार्टी कार्यकारिणी की पटना में बैठक बुलाई है लेकिन उससे पहले ही नीतीश गुट शरद यादव के करीबियों को पार्टी से किनारा करने में जुटी हुई है। अरुण श्रीवास्तव के बाद अली अनवर पर निलंबन की कार्रवाई और अब शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाना, उसी कड़ी का हिस्सा है। शरद यादव इन दिनों बिहार के सात जिलों के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। आज उनकी यात्रा संपन्न हो रही है। इस बीच वो जगह-जगह कहते रहे कि असली जदयू उनके साथ है। यानी पार्टी का बंटवारा तय है। ऐसा होता है तो जदयू पर वर्चस्व की लड़ाई चुनाव आयोग पहुंच सकती है। इस बीच, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जदयू को एनडीए में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया है। माना जा रहा है कि 19 अगस्त को जदयू कार्यकारिणी की बैठक में इस पर औपचारिक तौर पर मुहर लगेगी।