वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने गुरुवार को देश की सर्वोच्च अदालत से अनुरोध किया कि ट्रांसजेंडर लोगों की सेना में नियुक्ति पर तब तक अस्थाई रोक लगाई जाए, जब तक इस मामले में चल रहे मुकदमे पर फैसला नहीं आ जाता। प्रशासन ने कहा कि ट्रांसजेंडर लोगों को नियुक्त करने से सेना के प्रभाव और क्षमता पर बड़ा जोखिम पैदा हो सकता है। ट्रंप से पहले राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा के समय इस नीति को लागू किया गया था। इस नीति के तहत सेना को 1 जुलाई, 2017 को ट्रांसजेंडर लोगों की भर्ती शुरू करनी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इस सीमा को 1 जनवरी, 2018 तक बढ़ा दिया और उसके बाद नीति को पूरी तरह समाप्त करने का फैसला ले लिया हालांकि, सेना में ट्रांसजेंडर लोगों की भर्ती पर रोक को अदालत में कई बार चुनौती दी गयी।
जिसके बाद एक परिर्वितत नीति लाई गयी जिसमें भी ट्रांसजेंडर लोगों की सेवाओं पर व्यापक पाबंदियां रखी गयीं। बाद में इसे भी निलंबित कर दिया गया।सरकार ने सर्वोच्च अदालत से मामले में सुनवाई करने की अपील की और गुरुवार को अनुरोध किया कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक निचली अदालतों के फैसलों को निलंबित किया जाए। ट्रांसजेंडर लोगों की भर्ती शुरू करनी थी, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इस सीमा को 1 जनवरी, 2018 तक बढ़ा दिया और उसके बाद नीति को पूरी तरह समाप्त करने का फैसला ले लिया हालांकि, सेना में ट्रांसजेंडर लोगों की भर्ती पर रोक को अदालत में कई बार चुनौती दी गयी, जिसके बाद एक परिर्वितत नीति लाई गयी जिसमें भी ट्रांसजेंडर लोगों की सेवाओं पर व्यापक पाबंदियां रखी गयीं। बाद में इसे भी निलंबित कर दिया गया।