पीएम के नेतृत्व में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में एक नयापन आया है: योगी
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि विज्ञान का जीवन के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है और वर्तमान सरकार ने हमेशा ही प्रतिभाओं को सम्मानित करने का काम किया है. मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में आयोजित वैज्ञानिक सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में एक नयापन आया है.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014-15 एवं वर्ष 2015-16 के लिए 41 वैज्ञानिकों को सम्मानित किया. इन वैज्ञानिकों को विज्ञान गौरव सम्मान, विज्ञान रत्न सम्मान, युवा वैज्ञानिक सम्मान, बाल वैज्ञानिक सम्मान, विज्ञान शिक्षक सम्मान एवं नव अन्वेषक सम्मान से नवाजा गया.
योगी ने कहा, ‘जो समाज तकनीक के प्रति जितना जागरूक होगा, वह उतना ही उन्नत होगा. हमारे देश की हर प्राचीन विधा वैज्ञानिकता से युक्त है. विज्ञान का वास्तविक उद्देश्य आमजन के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ ही, मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है. परम्परागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के समन्वय और संगम से हम सभी मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार तकनीक को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है जिसका परिणाम रहा है कि लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ पूरी पारदर्शिता के साथ मिल रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में एक नयापन आया है. खेती-किसानी को पहली बार विज्ञान से जोड़ा गया है. इसके तहत किसानों को भू स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किये जा रहे हैं, जिससे हमारी भूमि की उर्वरता बढ़े. उन्होंने कहा कि तकनीक जितनी सस्ती होगी, उतनी ही जनोपयोगी होगी.
वैज्ञानिकों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे ठोस कचरे को ऊर्जा में बदलने का काम करें, जिससे भारत के डीजल व पेट्रोल में होने वाले विदेशी व्यय को कम किया जा सके. वर्तमान में ठोस कचरा वास्तव में ठोस संपदा है. आवश्यकता है कि ठोस कचरे का प्रबन्धन वैकल्पिक ऊर्जा सहित अन्य उपयोगी उत्पादों के स्रोत के रूप में किया जाए.
उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा को बढ़ावा देकर ऊर्जा सम्बन्धी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है. वैज्ञानिक आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की दिशा में क्या कर सकते हैं, इस पर भी अन्वेषण की आवश्यकता है.