लखनऊ। राज्यापाल राम नाईक ने कहा है कि स्वामी विवेकानंद के विचार पावर हाउस हैं। इनसे हर दम प्रेरणा मिलती रहेगी। खासकर युवाओं के लिए ये हर युग में प्रासंगिक रहेंगे। विवेकानंद के संदेशों पर चलकर ही देश प्रगति कर सकता है। राज्यपाल बुधवार को यहां राजभवन परिसर में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद वहीं के गांधी सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नाईक ने कहा कि राज्यपाल के रूप में यहां काम करते हुए पांच साल कैसे गुजरे पता नहीं चला, लेकिन आज का यह दिन पूरे कार्यकाल का स्वर्णिम दिन है। उत्तर प्रदेश का राजभवन आज देश का पहला राजभवन बन गया है, जिसमें विवेकानंद की प्रतिमा है। इससे मैं खुद गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
नाईक ने कहा कि मेरा कार्यकाल 22 जुलाई को खत्म हो रहा है। मैं यहां से सुखद स्मृ तियां लेकर जा रहा हूं। इलाहाबाद का नामकरण प्रयागराज और फैजाबाद का अयोध्या कराने का प्रस्ताव मेरा ही था। बाल गंगाधर तिलक ने कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है का है नारा दिया था, उसके 101 साल पूरा होने पर कार्यक्रम कर उस ऐतिहासिक दिन को इतिहास में दर्ज करा दिया। पिछली साल पहली बार प्रदेश का स्थापना दिवस मनाना और इस दिन एक जिला एक उत्पाद जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू करना भी इसी की कड़ी है। इसी कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिकागो के धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद ने भारत के बारे में दुनिया की धारणा बदली दी।
अपने अकाट्य तर्कों से उन्होंने देश की संपन्न परंपरा, संस्कृति, इतिहास और विरासत को जिस तरीके से दुनिया के सामने रखा उससे भारत के बारे में पूरी दुनिया की धारणा बदल गयी। विवेकानंद महान नहीं महानतम थे। ऐसे लोग विरले ही होते हैं। मुख्यामंत्री ने राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि अपनी सक्रियता से उन्होंने राजभवन को जनभवन में बदल दिया। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने जिस तरह सत्र से लेकर नतीजों तक का कैलेंडर तय किया, अपने आप में वह भी अनुकरणीय है। सरकार के लिए उनकी भूमिका मार्गदर्शक से बढ़कर रही।
उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ती न हो विवेकानंद के इसी संदेश का विस्तार राज्यपाल की पुस्तक चरैवेति, चरैवेति है। कार्यक्रम में सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी , सिद्धार्थनाथ सिंह, आशुतोष टंडन, मनोहर लाल कोरी, सुरेश पासी, मेयर संयुक्ता भाटिया, मुख्य सचिव डॉ. अनूप चंद्र पाण्डेय, अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव संस्कृति जितेंद्र कुमार, हेमंत राव समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम में नाईक ने घोषणा की कि गुरुवार से रविवार तक शाम में 5 से 7 बजे तक प्रतिमा के दर्शन के लिए राजभवन आम लोगों के लिए खुला रहेगा। यहां आने वाले साथ में अपना एक पहचानपत्र जरूर लाएं।
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