अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद अब किराएदारी कानून लागू किया जाएगा।
राज्य सरकार इसके लिए उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की किरायेदारी विनियमन विधेयक लगाएगी।
इसे 18 फरवरी से होने वाले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
प्रदेश में मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराये पर देने, किराये तथा बेदखली का निविनयमन) अधिनियम 1972 लागू है।
इस अधिनियम को लागू हुए काफी समय हो चुका है।
इसके चलते इसमें संशोधन की जरूरत है।
अधिकतर भवन स्वामी और किराएदार के संबंध अच्छे नहीं रहते हैं।
भवन स्वामी अपनी संपत्ति का उचित किराया नहीं पा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद बनाम आत्माराम चौहान के मामले में किराया बढ़ाने के साथ-साथ अन्य विषयों पर दिशा-निर्देश जारी किया।
इसके आधार पर केंद्र सरकार ने आदर्श किराया नियंत्रण कानून बनाने को सभी राज्यों से कहा है।
उत्तर प्रदेश में इसके आधार पर नगरीय परिसरों की किरायेदारी विनियमन अध्यादेश के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूर कराया था।
उस समय विधानसभा सत्र की घोषणा नहीं हुई थी।
चूंकि विधनसभा सत्र की घोषणा हो चुकी है, इसलिए अब इस कानून को विधानसभा से पास कराने के बाद लागू किया जाएगा।
आवास विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और जल्द ही विधयेक के प्रारूप को कैबिनेट से मंजूर कराए जाने की तैयारी है।