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उप्र विधानसभा में गूंजा मेडिकल कॉलेजों की नियुक्तियों में आरक्षण प्रकरण, संसदीय कार्यमंत्री ने घोषणा की…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान शुक्रवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब विपक्ष ने विश्व विद्यालयों और मेडिकल कालेजों में नियुक्ति में आरक्षण का मुद्दा उठाया। समूचे विपक्ष द्वारा विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति में आरक्षण का मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाया गया। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री ने घोषणा की कि मेडिकल कॉलेजों में जो भी नियुक्तियां हो रही हैं उन्हें कानून के मुताबिक किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेजों में हो रही नियुक्तियों के विज्ञापन में संशोधन करने के प्रस्ताव के बारे में बताया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने नियम-311 के तहत विश्वविद्यालयों और मेडिकल कॉलेजों में होने वाली नियुक्ति में ओबीसी और एससी आरक्षण खत्म करने की बात उठाई।

चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार ने यूजीसी और केंद्रीय मानव ससाधन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में सलीके से पैरवी नहीं की। यही कारण है कि ओबीसी और एससी को वाजिब आरक्षण नहीं मिल पाया। उन्होंने सुझाव दिया कि विभागवार रोस्टर बनाकर भर्तियां की जाएं। जो भी नियुक्तियां हुई हैं उन्हें निरस्त किया जाए। सरकार एन नागराज के मामले में संविधान पीठ द्वारा दिए गए फैसले का उल्लंघन कर रही है। सपा इसका पुरजोर विरोध करेगी। बसपा के नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा ने कहा कि प्रदेश के पांच मेडिकल कालेजों अयोध्या, फिरोजाबाद, बस्ती आदि में 360 पदों पर होने वाली भर्तियों में उचित आरक्षण न मिलने की बात कहते हुए भर्ती प्रक्रिया को तुरत रोकने की मांग की।

उन्होंने कहा कि जो केंद्र में रोस्टर लागू होगा वह प्रदेश में नहीं लागू होगा। इस मुद्दे पर पूरे दिन की चर्चा होनी चाहिए ताकि दलितों और पिछड़ों को उसका लाभ दिलाया जा सके। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सपा-बसपा के उन दावों विरोध किया। खन्ना ने कहा कि बसपा ने वर्ष 2010 में शासनादेश जारी कर यह व्यवस्था लखनऊ के छत्रपति साहूजी महाराजा चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ मेडिकल कालेज में यह लागू करवाया। इसी तरह सपा सरकार में मुख्य सचिव रहे आलोक रंजन ने जनवरी 2016 में यह व्यवस्था लागू करवाई। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित से मांग की कि इस मुद्दे को अग्राह किया जाए। अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने मामले को अग्राह करने की बात कही। आज बहस के दौरान पूरा दिन आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच ही रहा।

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